जब आप कोई घर या फ्लैट खरीदने के लिए जाते हैं तो कई तरह के चार्ज देते हैं, उनमे से एक चार्ज होता है 'वन टाइम मेनटेनेंस डिपॉजिट'. आमतौर पर इस वन टाइम मेनटेनेंस डिपॉजिट पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगता है. यानी अगर आप कोई फ्लैट खरीद रहे हैं और वन टाइम मेनटेनेंस डिपॉजिट बिल्डर को दे रहे हैं, मतलब ये डिपॉजिट का पैसा बिल्डर के अकाउंट में जा रहा है तो बिल्डर आपसे 18 परसेंट GST वसूलेगा.
लेकिन अगर आप सोसायटी के अकाउंट में वन टाइम मेनटेनेंस डिपॉजिट कर रहे हैं और सोसायटी ही फ्लैट्स की देखरेख और मेनटेनेंस का काम देखती है तो आपको GST नहीं देना पड़ेगा. आसान भाषा में समझें तो जो बिल्डर फ्लैट्स होते हैं, वहां पर अगर आप घर खरीदेंगे तो वन टाइम मेनटेनेंस डिपॉजिट पर आपको GST देना पड़ सकता है. वन टाइम मेनटेनेंस डिपॉजिट 'Non-Refundable' होता है. इस डिपॉजिट का मकसद सेवाओं की सप्लाई को जारी रखने से होता है. गुजरात अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने हालांकि फैसला सुनाते हुए कि अगर बिल्डर बिल्डिंग को मेनटेन करता है तो ही 18 परसेंट GST चुकाना होगा.
दरअसल, गुजरात स्थित Capital Commercial Coop Service Society ने अथॉरिटी से एडवांस रूलिंग की मांग की थी. गुजरात अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग के सामने सोसायटी ने कहा कि लोगों से लिया गया मेनटेनेंस डिपॉजिट उन्हें रीफंड कर दिया जाता है जब वो छोड़कर जाते हैं. GST कानून के मुताबिक डिपॉजिट रीफंड किया गया है तो ये Consideration में नहीं आया, इसलिए इस पर GST नहीं लगना चाहिए, लेकिन अथॉरिटी ने सोसायटी के इस तर्क को नहीं माना.
गुजरात अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग के इस फैसल पर ELP के पार्टनर निशांत शाह का कहना है कि GST कानून में कहा गया है कि GST Consideration पर लागू होता है यानी अगर आप कुछ खरीद रहे तो उसके मूल पर GST लगेगा, लेकिन अगर आप कोई डिपॉजिट दे रहे हो तो उस पर GST लागू नहीं होता है. GST कानून के मुताबिक रिफंडबल या नॉन-रिफंडबल, अगर ये डिपॉजिट है तो उस पर GST नहीं लगना चाहिए. मतलब अगर ये डिपॉजिट की तरह चुकाया जा रहा है तो ये 'Consideration' नहीं है, तो GST नहीं लग सकता.
अभी कोई भी फ्लैट खरीदता है तो कई तरह के चार्ज जैसे क्लब चार्ज, पार्किंग चार्ज वगैरह चुकाता है, इसके साथ ही वन टाइम मेनटेनेंस डिपॉजिट भी देते हैं. सोसायटी इस डिपॉजिट को अपने कॉर्पस में रखती है. तो सवाल ये है कि ये इस डिपॉजिट पर GST लगना चाहिए कि नहीं, लेकिन जो अथॉरिटी का फैसला आया है, क्योंकि ये नॉन रिफंडबल है इसलिए इसे Consideration की तरह देखा जाएगा, इसलिए इस पर 18 परसेंट जीएसटी लगेगा.
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