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1 जनवरी से दिल्ली में लागू होगा Commercial वाहनों पर ये नियम, नहीं मिलेगी बॉर्डर से एंट्री

नई दिल्लीः दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों को अब रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग ना लगाना या ठीक से ना लगाना भारी पड़ सकता है. एक जनवरी से बिना आरएफआईडी टैग के वाणिज्यिक वाहनों को दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा. नवगठित वायु गुणवत्ता आयोग (Commission for Air Quality Management for Delhi NCR) ने दिल्ली के प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में रोजाना करीब 80,000 कमर्शियल व्हीकल्स की एंट्री होती है. करीब 51,000 व्हीकल्स के RFID टैग का रजिस्ट्रेशन हो चुका है.

RFID टैग के फायदे

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RFID टैग के फायदे

RFID टैग लगा होने के बाद कमर्शियल व्हीकल्स को एंट्री टोल नाके पर टैक्स के लिए खड़ा नहीं होना पड़ेगा.ऑटेमेटेड सिस्टम होने के चलते टोल पर अपने आप ही टैक्स कट जाएगा. इससे एंट्री टोल पर लगने वाले लंबे जाम से मुक्ति मिलेगी, प्रदूषण भी कम होगा. RFID टैग को रिचार्ज कराने पर 10 फीसदी की छूट भी मिलेगी. दिल्ली के सभी 13 एंट्री प्वाइंट पर RFID टैग रीडर लगा हुआ है.

 

कैसे और कहां से लें RFID टैग

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कैसे और कहां से लें RFID टैग

RFID टैग की कीमत 200 रुपये है. मानेसर, कुंडली, गाजियाबाद और रजोकरी पर टैग के सेंटर बनाए गए हैं. टैग के रजिस्ट्रेशन के लिए व्हीकल की आरसी की कॉपी, इंश्योरेंस की कॉपी, ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के मालिक का फोन नंबर की जरूरत होती है. जिन व्हीकल्स पर फास्टैग लगा है, उन्हें RFID टैग की जरूरत नहीं.

2019 में की गई थी लॉन्च

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2019 में की गई थी लॉन्च

वाणिज्यिक वाहनों की पहचान के लिए आरएफआईडी प्रणाली दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 15 जुलाई 2019 को आरएफआईडी परियोजना को लांच किया था. 

 

10 साल पुराने हो चुके वाहनों का लगेगा पता

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10 साल पुराने हो चुके वाहनों का लगेगा पता

इस परियोजना के तहत आरएफआईडी टैग के माध्यम से 10 साल पुराने वाणिज्यिक वाहनों की पहचान की जाती है. प्रदूषण के मद्देनजर 10 साल पुराने वाणिज्यिक वाहनों के प्रवेश पर रोक के प्रावधान किए गए हैं.

 

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