पीएम मोदी ने स्वामित्व योजना लॉन्च की, ग्रामीणों की जिंदगी में आएंगे ये बड़े बदलाव
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पीएम मोदी ने स्वामित्व योजना लॉन्च की, ग्रामीणों की जिंदगी में आएंगे ये बड़े बदलाव

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्वामित्व योजना की शुरुआत की.  इस योजना से गांवों में रहने वाले लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा. 

पीएम मोदी ने स्वामित्व योजना लॉन्च की, ग्रामीणों की जिंदगी में आएंगे ये बड़े बदलाव

नई दिल्ली: अब देश का हर एक ग्रामीण सशक्त बनेगा. गांवों में रहने वाले लोगों को आर्थिक रूप से ताकतवर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने अपनी कमर कस ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)
ने रविवार को स्वामित्व योजना की शुरुआत की.  इस योजना से गांवों में रहने वाले लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा. 

आज होगा स्वामित्व योजना लॉन्च
ग्रामीण भारत में बदलाव के लिए बड़े सुधार की कोशिशों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भू-संपत्ति मालिकों को 'स्वामित्व' योजना के तहत संपत्ति कार्ड वितरित करने की योजना का शुभारंभ किया.  

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लाभान्वित होंगे देश के ये राज्य
इसके तहत 6 राज्यों के 763 गांवों के लोग लाभान्वित होंगे, जिसमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के 2 गांव शामिल होंगे. महाराष्ट्र को छोड़कर बाकी सभी राज्यों के लाभार्थी 1 दिन के अंदर फिजिकल कार्ड प्राप्त करेंगे, जबकि महाराष्ट्र के भू-स्वामियों को संपत्ति कार्ड मिलने में 1 महीने का समय लग सकता है, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार संपत्ति कार्ड के लिए सामान्य शुल्क लागू करने का प्रबंध कर रही है.

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क्या है स्वामित्व योजना
केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय की ओर से शुरू की गई यह एक खास योजना है. इसके बारे में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस, 24 अप्रैल, 2020 को घोषणा की थी. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को 'रिकॉर्ड ऑफ राइट्स' देने के लिए संपत्ति कार्ड का वितरण किया जाना है. इस योजना का क्रियान्वयन 4 वर्ष में चरणबद्ध ढंग से किया जाएगा. इसे 2020 से 2024 के बीच पूरा किया जाना है और देश के 6.62 लाख गांवों को कवर किया जाना है. इसमें से एक लाख गावों को आरंभिक चरण (पायलट फेज) में 2000-21 के दौरान कवर किया जाएगा. इस आरंभिक चरण में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक के गांवों के साथ-साथ पंजाब तथा राजस्थान के सीमावर्ती कुछ गांव शामिल होंगे.

 

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