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पिछले दशक भर से फ्लैट खरीदने के बावजूद पजेशन नहीं ले पाए नागरिकों की लिए अच्छी खबर है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) आज भुवनेश्वर में होने वाली बैठक में रियल एस्टेट फंडिंग पर चर्चा कर सकता है। यदि सभी घटकों की सहमति बनी तो रियल एस्टेट में डिफॉल्टर हो चुके बिल्डरों के एक मुश्त पैसा उपलबध कराने और ब्याज माफ करने पर चर्चा हो सकती है।
फ्लैट मालिकों को कैसे मिलेगा फायदा
दरअसल ज्यादातर फ्लैट बिल्डर लिक्विडिटी नहीं होने और भारी भरकम लोन नहीं चुका पाने की वजह से फ्लैटों का काम आगे नहीं बढ़ा पा रहा है। केंद्र सरकार और आरबीआई इस बात पर विचार कर रही है कि कम से कम थोड़ी रियायत देकर इन बिल्डरों को मौजूदा आर्थिक समस्या में थोड़ी राहत दी जाए। बिल्डरों की मांग रही है कि सरकार एक मुश्त ब्याज माफ करे ताकि लिक्विडिटी रहने पर जल्द से जल्द लंबित पड़े फ्लैट तैयार कर प्लैट मालिकों को सौंपा जा सके।
2008 में लेहमैन क्राइसिस की तर्ज पर बिल्डर चाह रहे हैं एक मुश्त राहत
जानकारों का कहना है कि 2008 की मंदी के दौरान सरकार ने इंडस्ट्री में जान फूंकने के लिए एक मुश्त राहत देते हुए कर्ज माफी का प्रावधान किया था। इसकी मदद से इंडस्ट्री के विभिन्न सेक्टर अपने आप को दोबारा पटरी में लाने में सफल रहे थे। शुक्रवार को आरबीआई की बैठक में भी बिल्डर यही उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इस ओर ध्यान दे और सहमति बना कर बैंकों से कर्ज में रियायत दे।
आरबीआई फंडिग के उपायों पर भी करेगी विचार
आरबीआई से जुड़े सूत्रों के अनुसार आरबीआई रियल एस्टेट फंडिंग के लिए सिर्फ कर्ज माफी ही नहीं बल्कि इसके लिए विभिन्न उपायों पर भी चर्चा कर सकती है। एक मुश्त कर्जमाफी दरअसल बहुत लंबे समय तक मददगार साबित होने वाला कदम नहीं है। यही वजह है कि बैठक में फ्लैट मालिकों को जल्द से जल्द पजेशन दिलवाने के लिए विभिन्न आयामों पर भी विचार किया जाएगा।