Vishwakarma Yojana: क्या है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना? किन लोगों को मिलने वाला है फायदा? 10 राज्यों में ट्रेनिंग शुरू
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Vishwakarma Yojana: क्या है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना? किन लोगों को मिलने वाला है फायदा? 10 राज्यों में ट्रेनिंग शुरू

Vishwakarma Yojana: सरकार की ओर से लोगों के विकास के लिए कई प्रकार की स्कीम चलाई जा रही है. इन स्कीम के जरिए अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों को फायदा मिलेगा. वहीं अब सरकार की ओर से पीएम विश्वकर्मा योजना की भी शुरुआत की गई है. आइए जानते हैं इसके बारे में...

Vishwakarma Yojana: क्या है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना? किन लोगों को मिलने वाला है फायदा? 10 राज्यों में ट्रेनिंग शुरू

PM Vishwakarma Yojana: देश में केंद्र सरकार की ओर से लोगों के कल्याण के लिए कई स्कीम चलाई जा रही है. इनमें अब एक और स्कीम जुड़ गई है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर विश्वकर्मा योजना का ऐलान किया था. वहीं देश में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत भी हो चुकी है. इसके साथ ही सरकार ने अब प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया है.

पीएम विश्वकर्मा योजना

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने इसके तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की. इस योजना का मकसद कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना है. राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) में 6-10 नवंबर, 2023 तक यह प्रशिक्षण होगा. इस पांच दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ सहित 10 राज्यों के 41 मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

क्या है पीएम विश्वकर्मा योजना?

पीएम विश्वकर्मा केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई एक योजना है. इसके जरिए अपने हाथों और उपकरणों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान की जाएगी. इस योजना में 18 व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है. 

कौनसे व्यवसाय होंगे इसमें शामिल?

बढ़ई (सुथार/बधाई), नाव निर्माता, कवच बनाने वाला, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला, मोची/जूता कारीगर/फुटवियर कारीगर, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला निर्माता, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल निर्माता.

क्या है योजना से फायदा?

- पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से कारीगरों और शिल्पकारों की पहचान होगी.
- 5-7 दिनों की बेसिक ट्रेनिंग और 15 दिनों या उससे अधिक की एडवांस ट्रेनिंग 500 रुपये प्रति दिन के भुगतान के हिसाब से दी जाएगी.
- बेसिक स्किल ट्रेनिंग के तहत 15000 रुपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन ई-वाउचर के रूप में दिया जाएगा.
- उद्यम विकास ऋण के तहत 3 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा. इसमें 1 लाख रुपये का 18 महीने के लिए और 2 लाख रुपये का 30 महीने के लिए लोन दिया जा सकेगा. इसमें 5 फीसदी की निर्धारित ब्याज दर रहेगी. साथ ही भारत सरकार के जरिए 8 फीसदी तक की सीमा की छूट भी होगी. वहीं जिन लाभार्थियों ने बेसिक ट्रेनिंग पूरी कर ली है वो पहली किश्त के तौर पर 1 लाख रुपये के लोन का लाभ उठाने के पात्र होंगे. 
- डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा.
- मार्केटिंग सपोर्ट भी मिलता है.

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