फ्लिपकार्ट-स्नैपडील जैसे ई-रिटेलर्स की जांच करे रिजर्व बैंक और ईडीः वाणिज्य मंत्रालय
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फ्लिपकार्ट-स्नैपडील जैसे ई-रिटेलर्स की जांच करे रिजर्व बैंक और ईडीः वाणिज्य मंत्रालय

वाणिज्य मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और रिजर्व बैंक से इस बात की जांच करने को कहा है कि क्या फ्लिपकार्ट, अमेजन और स्नैपडील जैसी ई-रिटेलरों ने 'बिजनेस टू कंज्यमूर' (बी2सी) गतिविधियों में शामिल होकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों का उल्लंघन किया है।

फ्लिपकार्ट-स्नैपडील जैसे ई-रिटेलर्स की जांच करे रिजर्व बैंक और ईडीः वाणिज्य मंत्रालय

नई दिल्ली : वाणिज्य मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और रिजर्व बैंक से इस बात की जांच करने को कहा है कि क्या फ्लिपकार्ट, अमेजन और स्नैपडील जैसी ई-रिटेलरों ने 'बिजनेस टू कंज्यमूर' (बी2सी) गतिविधियों में शामिल होकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों का उल्लंघन किया है।

व्यापारियों के प्रमुख संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शिकायत की थी कि ई-कॉमर्स पोर्टल कानून से धोखाधड़ी कर बी2सी गतिविधियों में शामिल हुए, क्योंकि इस खंड में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति है।

मंत्रालय ने ईडी और रिजर्व बैंक को लिखे पत्र में कहा है, 'आग्रह किया जाता है कि इस मामले की जांच की जाए और उसके बाद उचित कार्रवाई की जाए।' कैट ने अपनी शिकायत में कहा है कि हाल में मेगा सेल की पेशकश करने वाली ई रिटेलर अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील ने लोगों को आकर्षित करने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया पर बड़ा विज्ञापन अभियान चलाया। 

'चूंकि इन कंपनियां को विदेशी निवेश मिला है इसलिए इन्हें बी2बी ई-कॉमर्स गतिविधियों की अनुमति है, बी2सी की नहीं। इस तरह का विज्ञापन रिटेल कारोबार की श्रेणी में आता है।'

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