RBI ने एक और बैंक का लाइसेंस किया रद्द, 98 परसेंट डिपॉजिटर्स को वापस मिलेगी उनकी पूरी रकम
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RBI ने एक और बैंक का लाइसेंस किया रद्द, 98 परसेंट डिपॉजिटर्स को वापस मिलेगी उनकी पूरी रकम

Reserve Bank of India (RBI) ने महाराष्ट्र के एक और सहकारी बैंक का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है.

RBI ने एक और बैंक का लाइसेंस किया रद्द, 98 परसेंट डिपॉजिटर्स को वापस मिलेगी उनकी पूरी रकम

नई दिल्ली: Reserve Bank of India (RBI) ने महाराष्ट्र के एक और सहकारी बैंक का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. RBI ने इस बार खराब वित्तीय हालत को देखते हुए महाराष्ट्र के शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक (Shivajirao Bhosale Sahakari Bank) का लाइसेंस रद्द किया है.  

एक और सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द

RBI की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 31 मई 2021 को क्लोजिंग के बाद से बैंक को अपना कामकाज बंद करना होगा. हालांकि अच्छी बात ये है कि बैंक की ओर से जमा किए गए डाटा के मुताबिक उसके 98 परसेंट से ज्यादा डिपॉजिटर्स को उनका पूरा पैसा वापस मिल जाएगा. ये पैसा उन्हें Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) के तहत मिलेगा. सहकारी बैंक में 71,000 लोगों का 5 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट है, जबकि 8000 डिपॉजिटर्स ऐसे हैं जिन्होंने 5 लाख रुपये से ज्यादा जमा किया है. 

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बैंक के पास नहीं था पैसा, इसलिए लाइसेंस किया कैंसिल

RBI ने बताया है कि महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के रजिस्ट्रार से कहा गया है कि वो बैंक के बंद होने के बारे में एक आदेश जारी करे और एक लिक्विडेटर को भी नियुक्त करे. 
RBI ने बैंक का लाइसेंस इसलिए रद्द किया क्योंकि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी और न ही कमाई की संभावनाएं. RBI का कहना है कि बैंक का कामकाज जारी रहना उसके डिपॉजिटर्स के हितों के खिलाफ होता. RBI ने कहा कि बैंक की मौजूदा वित्तीय हालत ऐसी नहीं थी कि वो अपने डिपॉजिटर्स को पूरा पैसा वापस कर पाता, अगर बैंक को उसका कामकाज आगे भी जारी रखने की इजाजत दी जाती तो इससे जनहित पर बुरा असर पड़ता. 

जमाकर्ताओं को मिलेंगे 5 लाख रुपये 

RBI के आदेश के मुताबिक 'Shivajirao Bhosale Sahakari Bank का लाइसेंस कैंसिल होने के बाद अब वो बैंकिंग से जुड़ा कोई भी काम नहीं कर सकता है, जैसे न तो कोई डिपॉजिट ले सकता है न तो डिपॉजिट पेमेंट दे सकता है.' लाइसेंस कैंसिल होने के बाद लिक्विडेशन की प्रक्रिया की शुरुआत होगी, इसके बाद डिपॉजिटर्स को उनके पैसे वापस करने का प्रोसेस शुरू किया जाएगा. लिक्विडेशन में सभी डिपॉजिटर्स को उनके जमा पर डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट मिलेगा. DICGC एक्ट 1961 के तहत 5 लाख रुपये तक की रकम वापस की जाएगी. 

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