शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट 4.4% से घटकर 4% कर दिया गया है.
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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि कोरोना वायरस के वजह से अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हुआ है. MPC ने रेपो रेट में कटौती करने का फैसला किया है. शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट 4.4% से घटाकर 4% कर दिया गया है. जबकि रिवर्स रेपो रेट को 3.75 फीसद से घटाकर 3.35 फीसद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि महंगाई दर अभी भी 4 फीसदी के नीचे रहने की संभावना है. लेकिन लॉकडाउन के वजह से कई सामानों की कीमत बढ़ सकती है
RBI गवर्नर ने कहा कि कोरोनो वायरस के कारण ग्लोबल इकोनॉमी पर बड़ा असर पड़ा है. उन्होंने बताया कि एमपीसी (मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी) पॉलिसी रेपो रेट में 0.40 फीसद की कटौती पर सहमत हुई है. इससे लोगों पर लोन की ईएमआई का बोझ कम होगा.
The repo rate cut by 40 basis points from 4.4 % to 4%. Reverse repo rate stands reduced to 3.35%: Reserve Bank of India (RBI) Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/z9N8fr7vRT
— ANI (@ANI) May 22, 2020
आपको बता दें कि लॉकडाउन के दौरान आरबीआई ने रेपो रेट में दूसरी बार कटौती की है. इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर ने 0.75 फीसदी कटौती का ऐलान किया था. इसके बाद बैंकों ने लोन पर ब्याज दर कम कर दिया था. रेपो रेट में कटौती से साफ है कि आपके लोन का किश्त भी पहले के मुकाबले कम हो जाएगी.
EMI भुगतान में 3 महीने की मोहलत और
आरबीआई ने लोन की किस्त (EMI) के भुगतान पर 3 महीने की अतिरिक्त छूट दे दी है. मतलब कि अगर आप अगले 3 महीने तक अपने लोन की EMI नहीं देते हैं तो बैंक आप पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं डालेगा. पहले यह छूट मार्च से मई तक दी गई थी. अब EMI भुगतान में छूट को अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
आरबीआई ने पूरा किया वादा
शक्तिकांता दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मार्च में आरबीआई ने कर्ज लेने वाले लोगों, कर्जदाताओं और अन्य इकाइयों जैसे म्युचुअल फंड्स के लिए कई सकारात्मक कदमों की घोषणाएं की थीं. इसके साथ ही वादा भी किया था कि आने वाली परिस्थितियों को देखते हुए रिजर्व बैंक और जरूरी कदम उठाएगा.
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कोविड 19 के कारण निजी खपत को नुकसान
उन्होंने बताया कि मैन्युफक्चरिंग पीएमआई अप्रैल महीने में 27.4 फीसद रही है. आरबीआई गवर्नर ने बताया कि कोविड-19 से निजी खपत को काफी बड़ा नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालातों में एग्रीकल्चर से उम्मीदें हैं. फॉरेन रिजर्व 487 बिलियन डॉलर है.
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