Loan EMI: विशेषज्ञों का कहना है कि ब्याज दरों में लगातार तीन बार 0.50 फीसदी की वृद्धि हुई थी. हालांकि अब केंद्रीय बैंक इस बार ब्याज दरों में नरम रुख अपना सकता है. वहीं ऐसी संभावना है कि रेपो रेट में इस बार इजाफा आरबीआई की ओर से किया जा सकता है.
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RBI Policy: आम लोगों को एक बार फिर से झटका लग सकता है. दरअसल, विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में इजाफा कर सकता है. इससे लोगों के लोन की ईएमआई में इजाफा हो सकता है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक सोमवार से शुरू है और यह तीन दिन तक चलेगी. बैठक के नतीजों का ऐलान सात दिसंबर को किया जाएगा.
रेपो रेट
विशेषज्ञों का कहना है कि ब्याज दरों में लगातार तीन बार 0.50 फीसदी की वृद्धि हुई थी. हालांकि अब केंद्रीय बैंक इस बार ब्याज दरों में नरम रुख अपना सकता है. वहीं ऐसी संभावना है कि रेपो रेट में इस बार 0.25 से 0.35 फीसदी का इजाफा आरबीआई की ओर से किया जा सकता है. खुदरा महंगाई में नरमी के संकेतों और वृद्धि को बढ़ावा देने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए आरबीआई की ओर से ये कदम उठाया जा सकता है.
इस साल किया इजाफा
वहीं घरेलू कारकों के अलावा एमपीसी अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व को भी फॉलो कर सकती है, जिसने इस महीने के अंत में दरों में कुछ कम वृद्धि करने के संकेत दिए हैं. RBI ने इस साल मई से प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट में 1.90 फीसदी का इजाफा किया है. इसके बावजूद मुद्रास्फीति जनवरी से ही छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है.
इतना हो सकता है इजाफा
वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कहना है कि हमारा अनुमान है कि MPS इस बार भी दरों में इजाफा करेगी. इसमें 0.25 से 0.35 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है. वहीं ऐसा अनुमान है कि रेपो रेट इस वित्त वर्ष में 6.5% पर पहुंच जाएगी.
बढ़ सकती है EMI
अगर रेपो रेट में इजाफा होता है तो लोगों की जेब पर भी असर पड़ सकता है क्योंकि रेपो रेट बढ़ जाने से लोन की EMI भी बढ़ सकता है. रेपो रेट बढ़ जाने से बैंकों की लोन की ब्याज दर बढ़ जाती है. इसका असर लोगों की जेब पर पड़ता है. रेपो रेट वह रेट होती है जिस पर आरबीआई बैकों को कर्ज देता है.
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