Retail Inflation: महंगाई ने फ‍िर रुलाया, 5 महीने के टॉप पर पहुंचा इंफ्लेशन रेट; RBI को देना होगा जवाब
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Retail Inflation: महंगाई ने फ‍िर रुलाया, 5 महीने के टॉप पर पहुंचा इंफ्लेशन रेट; RBI को देना होगा जवाब

Inflation Rate in India: मुद्रास्फीति के 6 प्रतिशत से अधिक रहने पर आरबीआई केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट देगा. इस रिपोर्ट में आरबीआई को बताना होगा कि वह खुदरा मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने में क्यों विफल रहा.

Retail Inflation: महंगाई ने फ‍िर रुलाया, 5 महीने के टॉप पर पहुंचा इंफ्लेशन रेट; RBI को देना होगा जवाब

Reserve Bank of India: तमाम कोश‍िश के बावजूद भी महंगाई दर कम होने का नाम नहीं ले रही है। सरकार की तरफ से बुधवार को खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए गए. स‍ितंबर में महंगाई दर बढ़कर 7.41 प्रत‍िशत हो गई है. प‍िछले पांच महीने के दौरान यह सबसे ज्यादा है. खास बात यह है क‍ि महंगाई दर के आंकड़े केंद्रीय बैंक (RBI) के तय दायरे 2 से 6 प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से लगातार 9वीं बार ऊपर बनी हुई है.

केंद्र सरकार को देनी होगी एक रिपोर्ट
इससे पहले खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा अगस्त में 7 प्रत‍िशत और सितंबर 2021 में 4.35 प्रतिशत थी. खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 8.60 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 7.62 फीसद थी. मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से अधिक रहने पर आरबीआई को केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट देनी होगी. इस रिपोर्ट में आरबीआई को बताना होगा कि वह खुदरा मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने में क्यों विफल रहा.

आयातित मुद्रास्फीति का दबाव कम हो गया
केंद्र ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो से छह प्रतिशत के दायरे में बनी रहे. इससे पहले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में आयातित मुद्रास्फीति का दबाव कम हो गया है।

अमेरिका में थोक महंगाई दर 8.5 प्रतिशत पर
दूसरी तरफ अमेरिका में थोक महंगाई दर सितंबर महीने में सालाना आधार पर बढ़कर 8.5 प्रतिशत रही. हालांकि, पिछले महीने के मुकाबले मुद्रास्फीति घटी है. अगस्त में यह 8.7 प्रतिशत रही थी. श्रम विभाग की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार, विनिर्माताओं के लिए कीमत सूचकांक सितंबर महीने में अगस्त के मुकाबले 0.4 प्रतिशत बढ़ा. इससे पहले, दो महीने इसमें कमी आई थी.

उत्पादक कीमत सूचकांक ग्राहकों तक वस्तुओं के पहुंचने से पहले कीमत बदलाव को मापता है. सितंबर में कीमत वृद्धि का मुख्य कारण होटल के कमरों का किराया बढ़ना है. लगातार दो महीने की गिरावट के बाद खाद्य वस्तुओं के दाम भी अगस्त के मुकाबले सितंबर में बढ़े हैं.

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