कंपनी ने की छंटनी तो कर्मचारी ने CEO से लिया बदला! सलूक ऐसा कि जिंदगी भर रहेगा याद
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कंपनी ने की छंटनी तो कर्मचारी ने CEO से लिया बदला! सलूक ऐसा कि जिंदगी भर रहेगा याद

Saarthi AI: स्टार्टअप कंपनी सारथी एआई ने पिछले साल बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की थी. अब कंपनी के सीईओ ने कहा है कि छंटनी में निकाले गए एक कर्मचारी ने उनका पासपोर्ट और अमेरिकी वीजा चुरा ले गए. 

कंपनी ने की छंटनी तो कर्मचारी ने CEO से लिया बदला! सलूक ऐसा कि जिंदगी भर रहेगा याद

Saarthi.ai latest news: बेंगलुरु के एक स्टार्टअप कंपनी में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. बड़े पैमाने पर छंटनी और एक पूर्व कर्मचारी द्वारा CEO का पोसपोर्ट और वीजा चोरी होने से कंपनी में उथल-पुथल मचा हुआ है. यहां तक कि कंपनी को फंडिंग हासिल करने में भी कठिनाइयों का सामना हो रहा है.

दरअसल, स्टार्टअप कंपनी सारथी एआई ने पिछले साल बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी की थी. अब कंपनी के सीईओ का कहना है कि छंटनी में निकाले गए एक कर्मचारी ने अमेरिकी वीजा के साथ उनका पासपोर्ट भी चुरा ले गए. वहीं, कंपनी से जुड़े 50 से अधिक कर्मचारियों ने दावा किया है कि एक साल से ज्यादा समय से कंपनी ने सैलरी नहीं दी है. हालांकि, सीईओ ने इस दावे को खारिज कर दिया है.

विदेश दौरा भी हुआ दुश्वार

Entrackr की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु की स्टार्टअप कंपनी सारथी एआई दिनों-दिन चुनौतियों के चक्र में फंसता नजर आ रहा है. कंपनी के सीईओ का कहना है कि एक सीनियर कर्मचारी ने उनका अमेरिकी वीजा और पासपोर्ट लेकर भाग गया. इससे वो कंपनी के फंडिग के लिए विदेश दौरा नहीं कर पा रहे हैं.

पिछले साल सारथी एआई के संस्थापक और सीईओ विश्व नाथ झा तब सुर्खियों में आए थे, जब कंपनी ने अपने वर्कफोर्स के एक बड़े हिस्से को नौकरी से निकालने का फैसला किया था. सीईओ का कहना था कि यह कठोर निर्णय "निवेशकों के दबाव" और कंपनी को वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए जरूरी था.

एक साल से सैलरी नहींः कर्मचारी

कंपनी की समस्या सिर्फ यही नहीं है. बल्कि, कंपनी से जुड़े 50 से अधिक वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों का कहना है कि एक साल से अधिक समय से उन्हें सैलरी नहीं मिली है. कुछ कर्मचारी तो यह कहते हैं कि उनके कानूनी नोटिस का भी जवाब नहीं दिया गया है. जबकि सीईओ का कहना है कि सभी कर्मचारियों को भुगतान किया गया है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने कहा कि फाउंडर की ओर से कोई जवाब नहीं मिलता है. 

 

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