अप्रैल-जून तिमाही में एसबीआई का एनपीए बढ़कर 9.97 प्रतिशत हो गया जो इससे पहले 7.40 प्रतिशत था.
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मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नवनियुक्त चेयरमैन रजनीश कुमार ने गुरुवार (5 अक्टूबर) को कहा कि फंसे कर्ज से निपटना और लाभदायकता में सुधार लाना उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी. सरकार ने बुधवार (4 अक्टूबर) को 59 वर्ष के कुमार को तीन साल के लिये चेयरमैन बनाये जाने को मंजूरी दे दी. वह सात अक्तूबर को निवर्तमान चेयरमैन अरुंधती भट्टाचार्य का स्थान लेंगे. वह देश के सबसे बड़े बैंक के 25वें चेयरमैन होंगे. फिलहाल कुमार प्रबंध निदेशक (खुदरा बैंकिंग) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. कुमार ने गुरुवार को यहां कहा, ‘‘फंसे कर्ज (एनपीए) का समाधान उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी. एनपीए का समाधान तत्काल आधार पर किये जाने की आवश्यकता है क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी.’’
उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले समय में बैंक के एनपीए में सुधार की उम्मीद है. ‘‘बैंक कॉर्पोरेट कर्ज से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिये काम कर रहा है और आप जल्दी ही इसमें कुछ बदलाव देखेंगे.’’ अप्रैल-जून तिमाही में एसबीआई का एनपीए बढ़कर 9.97 प्रतिशत हो गया जो इससे पहले 7.40 प्रतिशत था. कुमार के अनुसार वह चाहेंगे कि बैंक अपनी मजबूत स्थिति बनाये रखे लेकिन इसे वित्तीय रूप से मजबूत बनाने पर जोर होगा. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो साल में फंसे कर्ज के एवज में प्रावधान से हमारा प्रदर्शन प्रभावित हुआ. मेरा प्रयास आकार के बजाए लाभ में सुधार की दिशा में होगा.’’
इससे पहले रजनीश कुमार को देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है. वह वर्तमान एसबीआई चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य की जगह लेंगे, जिनका बढ़ा हुआ कार्यकाल शुक्रवार (6 अक्टूबर) को समाप्त हो रहा है. वर्तमान में एसबीआई के प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यरत कुमार को बैंक की एनपीए से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
59 वर्षीय कुमार 26 मई 2015 को एसबीआई बोर्ड से जुड़े थे. आधिकारिक बायोडेटा के मुताबिक इस नियुक्ति से पहले वह अनुपालन और जोखिम विभाग के प्रबंध निदेशक, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा प्रबंध निदेशक के पद पर थे. कुमार ने फाइनेंस परियोजना और लीजिंग स्ट्रैटेजिक बिजनेस यूनिट के मुख्य महाप्रबंधक के रूप में भी काम किया है. इसके अलावा उन्होंने कनाडा और ब्रिटेन में दो अतंर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाने समेत विभिन्न व्यापारिक कार्यक्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
भट्टाचार्य वर्ष 2013 में एसबीआई की पहली महिला चेयरमैन बनी थीं. पिछले साल अक्तूबर महीने में उनका कार्यकाल एक साल के लिये बढ़ाया गया था. उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में बैंकों को गैर-निष्पादित संपत्तियों :एनपीए: से जुड़े मामलों का सामना करना पड़ रहा है. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2017 के अंत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए बढ़कर 6.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो एक साल पहले 5.02 लाख करोड़ रुपये था.