SBI की रिपोर्ट में कहा गया, आयकर छूट सीमा बढ़ाकर इतने लाख करने की जरूरत
Advertisement

SBI की रिपोर्ट में कहा गया, आयकर छूट सीमा बढ़ाकर इतने लाख करने की जरूरत

सातवें वेतन आयोग के बाद व्यक्तिगत खर्च योग्य आय में वृद्धि के साथ आयकर छूट सीमा 50,000 रुपए बढ़ाकर 3 लाख रुपए किये जाने की जरूरत है. यह बात एसबीआई की एक रिपोर्ट में कही गई है. इस कदम से करीब 75 लाख लोगों को लाभ होगा.

SBI की रिपोर्ट में कहा गया, आयकर छूट सीमा बढ़ाकर इतने लाख करने की जरूरत

नई दिल्ली : सातवें वेतन आयोग के बाद व्यक्तिगत खर्च योग्य आय में वृद्धि के साथ आयकर छूट सीमा 50,000 रुपए बढ़ाकर 3 लाख रुपए किये जाने की जरूरत है. यह बात एसबीआई की एक रिपोर्ट में कही गई है. इस कदम से करीब 75 लाख लोगों को लाभ होगा. एसबीआई ईकोरैप रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर मौजूदा मकान कर्जधारकों के लिए ब्याज भुगतान छूट सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए की जाती है तो इससे 75 लाख मकान खरीदारों को सीधे लाभ होगा. जबकि सरकार के लिए इसकी लागत केवल 7,500 करोड़ रुपए होगी.

  1. एसबीआई की रिपोर्ट मानी तो 75 लाख लोगों को होगा फायदा
  2. वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को पेश करेंगे अंतिम पूर्ण बजट
  3. मियादी जमा की अवधि 5 साल से घटाकर 3 वर्ष करने की सिफारिश

एक फरवरी को पेश करेंगे बजट
वित्त मंत्री अरूण जेटली राजग सरकार के मौजूदा कार्यकाल का पांचवां और अंतिम पूर्ण बजट एक फरवरी को पेश करेंगे. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सातवें वेतन आयोग के कारण व्यक्तिगत खर्च योग्य आय बढ़ी है. इसीलिए हमारा मानना है कि छूट सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दी जाए. आयकर छूट सीमा बढ़ाये जाने से करीब 75 लाख करदाताओं को लाभ होगा.’

यह भी पढ़ें : कर्मचारियों के लिए खास होगा बजट 2018-19, ग्रेच्‍युटी में हो सकती है इतनी बढ़ोतरी

बचत को प्रोत्साहन देने की वकालत
बजट को लेकर जारी इस रिपोर्ट में बैंक जमा के जरिए बचत को प्रोत्साहन देने की भी वकालत की गई है. बचत को प्रोत्साहन देने के प्रयास के तहत सरकार बचत बैंक जमा के ब्याज पर छूट दे सकती है. साथ ही कर बचत वाली मियादी जमाओं की अवधि (लाक इन पीरियड) पांच साल से घटाकर तीन वर्ष करने की जरूरत है तथा इन जमाओं को ईईई (छूट, छूट, छूट) कर व्यवस्था के अंतर्गत लाने की आवश्यकता है.

एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक आगामी बजट के संदर्भ में ये उम्मीद समावेशी वृद्धि के सिद्धांतों पर आधारित है. इसमें यह भी कहा गया है, ‘हमारा अनुमान है कि बजट में कृषि, एमएसएमई, बुनियादी ढांचा तथा सस्ते मकान पर जोर दिया जाना चाहिए.’ निवेश को गति देने के संदर्भ में रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन परियोजनाओं में विलंब हुआ है, उसकी लागत में वृद्धि के बराबर पूंजी सब्सिडी दी जा सकती है.

यह भी पढ़ें : हेल्थ को मोबाइल से जोड़ने पर सरकार का विशेष जोर

सरकार ऐसे मामलों में लागत में वृद्धि का वित्त पोषण रियायती ब्याज दर के जरिये किया जा सकता है. साथ ही संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन के बारे में मासिक आंकड़ा प्रकाशित करने की जरूरत है क्योंकि इस बारे में सूचना नहीं आती.

बिजनेस से जुड़ी अन्य खबरों के लिए क्लिक करें

Trending news