Reliance-Future Deal: मुकेश अंबानी की कंपनी को Supreme Court से झटका! डील पर लगा स्टे
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Reliance-Future Deal: मुकेश अंबानी की कंपनी को Supreme Court से झटका! डील पर लगा स्टे

Reliance-Future Deal: मुकेश अंबानी की Reliance Industries को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने Reliance-Future ग्रुप की डील पर रोक लगा दी है.

मुकेश अंबानी की कंपनी को Supreme Court से झटका!

नई दिल्ली: Reliance-Future Deal: मुकेश अंबानी की Reliance Industries को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने Reliance-Future ग्रुप की डील पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाई है, जेफ बेजोस की ई-कॉमर्स कंपनी Amazon ने इस सौदे को अदालत में चुनौती दी थी.

Reliance-Future Deal पर लगा स्टे

सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप (Future Group) और रिलायंस इंडस्ट्रीज के 3.4 अरब डॉलर की डील को रेगुलेटरी मंजूरी देने पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को मुकेश अंबानी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है और अमेजन के लिए एक और जीत के तौर पर देखा जा रहा है. अमेजन की याचिका पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को पलटते हुए रिलायंस (Reliance) और फ्यूचर ग्रुप की डील पर स्टे लगा दिया है. 

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अब High Court में नहीं होगी मामले की सुनवाई

इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में भी चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने अब हाईकोर्ट को इस मामले में सुनवाई करने से रोक दिया है. उसने कहा कि यह मामला अब उच्चतम न्यायालय तक पहुंच चुका है, इसलिए उच्च न्यायालय इस मामले में अब सुनवाई नहीं करेगा.

NCLT इस डील को मंजूर न दे: SC

सुप्रीम कोर्ट ने NCLT को आदेश दिया है कि कोर्ट के अगले आदेश तक इस डील को मंजूरी न दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में मामला चलता रहेगा, लेकिन फ्यूचर रीटेल-रिलायंस की डील को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं देंगे. जस्टिस आर एफ नरीमन, बी आर गवई की बेंच ने फ्यूचर रीटेल, चेयरपर्सन किशोर बियानी और अन्य को नोटिस देकर जवाब मांगा है. इस मामले पर सभी को तीन हफ्ते के भीतर जवाब देना है, इसके दो हफ्ते बाद रीज्वाइंडर भी देना होगा, मामले की अगली सुनवाई पांच हफ्ते बाद होगी. 

High Court ने दिया था ये फैसला 

आपको बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 8 फरवरी को अपनी सिंगल जज बेंच के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें डील को लेकर यथास्थिति बनाने का आदेश दिया गया था. फ्यूचर ग्रुप-रिलायंस की ये डील 24713 करोड़ रुपये की है. ये अंतरिम फ्यूचर रीटेल की याचिका पर पास किया गया था, जिसमें 2 फरवरी के सिंगल जज बेंच के आदेश को चुनौती दी गई थी. अपने अंतरिम आदेश में हाई कोर्ट ने कहा था कि पहले तो सिंगल जज के आदेश पर रोक लगा रहे हैं, Amazon और Future Coupons के बीच हुए शेयर सब्सक्रिप्शन एग्रीमेंट (SSA) में फ्यूचर रीटेल (FRL) पार्टी नहीं थी, और न ही अमेरिकी दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी फ्यूचर रीटेल और रिलायंस रीटेल के बीच हुई डील की पार्टी थी. 

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हाई कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में मालूम पड़ता है कि फ्यूचर रीटेल (FRL) और फ्यूचर कूपंस (FCP) के बीच शेयरहोल्डिंग एग्रीमेंट और FCPL और अमेजन के बीच हुए शेयर सब्सक्रिप्शन एग्रीमेंट (SSA) और फ्यूचर रीटेल और रिलायंस रीटेल के बीच हुई डील बिल्कुल अलग हैं. इसलिए ग्रुप ऑफ कंपनीज सिद्धांत लागू नहीं होता है. 

Amazon की आपत्ति

इस मामले में अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप पर उसके साथ पार्टनरशिप डील को तोड़ने का आरोप लगाया है. अमेजन का कहना है कि फ्यूचर ग्रुप ने मुकेश अंबानी के मालिकाना हक वाली रिलायंस के साथ अपनी संपत्ति को बेचने के लिए डील करके अमेजन और फ्चूचर ग्रुप के बीच हुए पार्टनरशिप डील की शर्तों का उल्लंघन किया है.

जानिए क्या है पूरा मामला

अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर कूपंस में 49 परसेंट हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक सौदा किया था, 2019 में ये डील हुई थी. फ्यूचर कूपंस के पास फ्यूचर ग्रुप की लिस्टेड कंपनी फ्यूचर रीटेल की 7.3% हिस्सेदारी है. अमेजन ने फ्यूचर के साथ यह भी करार किया था कि वह 3 से लेकर 10 साल के बीच सूचना डिटेल्स को भी खरीद सकती है. 29 अगस्त 2020 को फ्यूचर समूह ने रिलायंस के साथ अपनी डील का ऐलान किया

इस डील में उसने अपने रीटेल और होलसेल कारोबार को रिलायंस रिटेल को बेचने के लिए डील की थी. रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ उसका यह सौदा 24,713 करोड़ रुपए में हुआ था. अमेजन ने इसके खिलाफ अक्टूबर 2020 में सिंगापुर अंतर्राष्ट्रीय पंचाट केंद्र में एक सदस्यीय आपातकालीन पीठ के समक्ष चुनौती दी. अमेजन ने आरोप लगाया कि रिलायंस के साथ कारोबार बेचने का करार कर फ्यूचर में उसके साथ अनुबंध की अवहेलना की है.

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