विदेशों से पैसा जुटाना होगा आसान, लिस्टिंग के नियमों को आसान बनाने की तैयारी
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विदेशों से पैसा जुटाना होगा आसान, लिस्टिंग के नियमों को आसान बनाने की तैयारी

शेयर बाजार में लिस्टिंग के नियमों को आसान बनाने की प्लानिंग शुरू हो गई है. अब घरेलू कंपनियों के लिए विदेश में और विदेशी कंपनियों के लिए घरेलू मार्केट में लिस्टिंग आसान हो सकती है.

विदेशों से पैसा जुटाना होगा आसान, लिस्टिंग के नियमों को आसान बनाने की तैयारी

ब्रजेश कुमार/ नई दिल्ली : शेयर बाजार में लिस्टिंग के नियमों को आसान बनाने की प्लानिंग शुरू हो गई है. अब घरेलू कंपनियों के लिए विदेश में और विदेशी कंपनियों के लिए घरेलू मार्केट में लिस्टिंग आसान हो सकती है. दरअसल, मार्केट रेगुलेटर SEBI के एक्सपर्ट पैनल ने कंपनियों की डायरेक्ट लिस्टिंग की सिफारिश की है. हालांकि, विदेशों में कंपनियों की डायरेक्ट लिस्टिंग चुनिंदा देशों में ही हो सकेगी. लिस्टिंग के वक्त ऐसे देशों के रेगुलेटर और सरकार के साथ सूचनाएं साझा करने का करार होना जरूरी है.

क्या होगा फायदा
भारतीय कंपनियों की विदेशी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग से पैसा जुटाना आसान होगा. वहीं, विदेशी कंपनियां भारतीय एक्सचेंज में लिस्टिंग कराएंगी तो निवेशकों को डाइवर्सिफिकेशन का मौका मिलेगा. पैनल ने मंगलवार को स्टॉक मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) को ऐसा सुझाव दिया. लिस्टिंग के लिए कंपनियों को दोनों ही देशों के कानूनों का पालन करना होगा.

क्या होगी लिस्टिंग के लिए जरूरी
कंपनियों को विदेशी बाजारों में लिस्टिंग के लिए जरूरी नियमों का पालन करना होगा. सबसे पहले नो योर कस्टमर (KYC), मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी निवेश (FDI) के नियमों को मानना होगा. एक्सपर्ट कमेटी ने जिन 10 देशों के एक्सचेंज पर भारतीय कंपनियों के लिस्टिंग की सिफारिश की है. उनमें अमेरिका, चीन, साउथ कोरिया, स्विटजरलैंड, ब्रिटेन, जापान, हॉन्ग-कॉन्ग, फ्रांस, कनाडा और जर्मनी शामिल हैं. कमेटी के सुझावों पर 24 दिसंबर तक राय ली जाएगी बाद में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा.

अभी ऐसे होती है लिस्टिंग
फिलहाल, भारतीय कंपनियां डिपॉजिटरी रिसीट्स के जरिए ही विदेशों में लिस्टिंग करा सकती हैं. वहीं, विदेशी कंपनियां भारत में इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट के जरिए लिस्टिंग कराती हैं. इसके अलावा भारतीय कंपनियां ‘मसाला बॉन्ड’ के नाम से पहचाने जाने वाले एक सिक्युरिटी इंस्ट्रूमेंट के जरिए भी अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों में डेट सिक्योरिटीज की लिस्टिंग करा सकती हैं.

ग्रोथ को मिलेगी रफ्तार
अगर एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट को मंजूरी मिल जाती है तो इससे न सिर्फ कंपनियों का फायदा होगा. बल्कि देश की इकोनॉमिक ग्रोथ में भी तेजी आएगी. दरअसल, छोटी कंपनियों के लिए विदेशी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने पर कम लागत में फंड जुटाने का विकल्प खुल जाएगा. इससे आर्थिक विकास की रफ्तार को तेजी मिलेगी. साथ ही विदेशी कंपनियों की भारत में लिस्टिंग से भी इकोनॉमी को फायदा मिलेगा.

इन देशों के एक्सचेंज में लिस्टिंग कराना आसान होगा
- अमेरिका---नैस्डेक, NYSE
- चीन---शंघाई, शेनज़ेन
- साउथ कोरिया---कोरिया एक्सचेंज
- स्विटज़रलैंड---SIX स्विस एक्सचेंज
- ब्रिटेन---लंदन स्टॉक एक्सचेंज
- जापान---टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज
- हॉन्ग कॉन्ग---हॉन्गकॉन्ग स्टॉक एक्सचेंज
- फ्रांस---यूरोनेक्सट पेरिस
- कनाडा---टोरंटो स्टॉक एक्सचेंज
- जर्मनी---फ्रैंकफर्ट स्टॉक एक्सचेंज

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