RBI के नए गवर्नर ने कार्यभार संभाला, नकदी की तंगी दूर होने की उम्मीद
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RBI के नए गवर्नर ने कार्यभार संभाला, नकदी की तंगी दूर होने की उम्मीद

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नए गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार सुबह 10 बजे कार्यभार ग्रहण कर लिया. उर्जित पटेल के इस्तीफा देने के बाद सरकार ने नए गवर्नर के रूप में दास की नियुक्ति की है.

RBI के नए गवर्नर ने कार्यभार संभाला, नकदी की तंगी दूर होने की उम्मीद

नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नए गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार सुबह 10 बजे कार्यभार ग्रहण कर लिया. उर्जित पटेल के इस्तीफा देने के बाद सरकार ने नए गवर्नर के रूप में दास की नियुक्ति की है. नोटबंदी के बाद आर्थिक गतिविधियों को सामान्य बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले 1980 काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी शक्तिकांत दास की नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है. दास 83 वर्ष पुरानी संस्था के 25वें गवर्नर होंगे.

2017 में रिटायर हुए थे दास
शक्तिकांत दास की नियुक्ति के संदर्भ में दिए गए आधिकारिक आदेश में कहा गया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास को तीन साल के लिए आरबीआई के गवर्नर पद पर नियुक्त किए जाने को मंजूरी दे दी. दास मई, 2017 में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के सचिव पद से सेवानिवृत हुए. वह जी-20 सम्मेलन के लिए भारत के शेरपा और वित्त आयोग के सदस्य भी रहे.

उद्योग जगत की उम्मीदें बढ़ी
दास की नियुक्ति के बाद उद्योग जगत ने इसे उद्योगों का मनोबल बढ़ाने वाला बताया और विश्वास जताया कि वह अर्थव्यवस्था में नकदी की तंगी को दूर करने के लिए तुरंत कदम उठाएंगे. भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल ने कहा, इस घोषणा से चीजों के सामान्य तरीके से आगे बढ़ाने की उम्मीद जगी है.

वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष रासेश शाह ने कहा कि, आर्थिक मामलों का व्यापक अनुभव होने से दास को अर्थव्यवस्था से जुड़े गंभीर मुद्दों का समाधान करने में काफी मदद मिलेगी. हमें वास्तविक ब्याज दरों को नीचे लाने, तरलता की स्थिति में सुधार और आर्थिक वृद्धि और रोजगार को बढ़ावा देने की जरूरत है.

दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातकोत्तर दास को केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बनने के साथ ही वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का कार्यभार सौंपा गया. इसके बाद उन्हें आर्थिक मामले विभाग में स्थानांतरित किया गया. वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के कामकाज में रिजर्व बैंक और मौद्रिक नीति की देखरेख भी आती है. रिजर्व बैंक गवर्नर का पद ज्यादातर नौकरशाहों के पास ही रहा है.

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