शेयर बाजार में तेजी का रुख, सेंसेक्स 222 अंक चढ़ा, निफ्टी में भी बढ़त
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शेयर बाजार में तेजी का रुख, सेंसेक्स 222 अंक चढ़ा, निफ्टी में भी बढ़त

मिले-जुले वैश्विक संकेतों के बीच गिरावट के साथ खुले शेयर बाजार में शुक्रवार को तेजी दिखाई दी. सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन 30 शेयरों वाला सेंसेक्स सुबह करीब 11.15 बजे 222 अंक की तेजी के साथ 35793.18 के स्तर पर कारोबार कर रहा था.

शेयर बाजार में तेजी का रुख, सेंसेक्स 222 अंक चढ़ा, निफ्टी में भी बढ़त

मुंबई : मिले-जुले वैश्विक संकेतों के बीच गिरावट के साथ खुले शेयर बाजार में शुक्रवार को तेजी दिखाई दी. सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन 30 शेयरों वाला सेंसेक्स सुबह करीब 11.15 बजे 222 अंक की तेजी के साथ 35793.18 के स्तर पर कारोबार कर रहा था. लगभग इसी समय 50 शेयरों पर आधारित निफ्टी 60 अंक बढ़कर 10809.65 के स्तर पर था. कारोबारी सत्र की शुरुआत में लिवाली बढ़ने से सेंसेक्स 42 अंक की गिरावट के साथ खुला. हालांकि बाद में बाजार में तेजी का रुख जारी है.

गुरुवार को 71 अंक की गिरावट
इससे पहले सेंसेक्स गुरुवार शाम के समय 70.85 अंक कमजोर रहा था. कारोबारियों के अनुसार विदेशी बाजारों में मिला-जुला रुख और ताजा लिवाली के कारण निवेशकों में भरोसा लौटा है. एफएमसीजी को छोड़ सभी ग्रुप के शेयर में तेजी है. लॉर्जकैप शेयरों की बात करें तो टाटा मोटर्स, बीपीसीएल, आईओसी, बजाज ऑटो, एचपीसीएल, इंफोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और यस बैंक में 3.2 प्रतिशत तक की तेजी है.

मिडकैप शेयरों में अशोक लेलैंड, एंडुरेंस टेक, कंटेनर कॉर्प, एमआरपीएल और ओबेरॉय रियल्टी में भी तेजी है. वहीं, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, जेएसडब्ल्यू स्टील, श्रीराम ट्रांसपोर्ट और एल्केम लैब में गिरावट का रुख है. विदेशी स्तर पर एशियाई बाजारों में शुरुआती कारोबार में जापान का निक्की 0.67 प्रतिशत की बढ़त में रहा. हांग कांग का हैंग सेंग 0.30 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.68 प्रतिशत की गिरावट में रहे. अमेरिका का डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज कल 0.75 प्रतिशत मजबूत होकर बंद हुआ था.

रुपये में 8 पैसे की गिरावट
विदेशी बाजारों में डॉलर की तेजी और विदेशी मुद्रा की जारी निकासी के कारण शुक्रवार को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया शुरुआती कारोबार में 8 पैसे गिरकर 69.03 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. यह रुपये की लगातार तीसरे दिन की गिरावट है. डीलरों का कहना है कि अमेरिकी मुद्रा की मांग तथा घरेलू शेयर बाजारों का गिरावट में खुलना रुपये की कमजोरी के मुख्य कारण हैं. चीन के आयात पर अमेरिका द्वारा आयात शुल्क लगाया जाना तय होने के कारण निवेशक पूरी तरह से व्यापार युद्ध शुरू होने की आशंका से ग्रसित हैं.

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