Sushil Modi का बड़ा बयान, Petrol-Diesel को GST में नहीं डाला जा सकता
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Sushil Modi का बड़ा बयान, Petrol-Diesel को GST में नहीं डाला जा सकता

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के बयान के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल किया जा सकता है लेकिन थोड़ी ही देर में उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) ने कहा है कि अगले 8-10 साल तक पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) को जीएसटी (GST) में शामिल नहीं किया जा सकता है.

 

जीएसटी में नहीं आएंगे पेट्रोल-डीजल, सुशील मोदी ने बताई वजह

दिल्ली: क्या महंगे पेट्रोल-डीजल से आम आदमी को राहत (Relaxation) मिलेगी. ये बड़ा सवाल आज की तारीख में देश का सबसे बड़ा मुद्दा है. पेट्रोल-डीजल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर हैं. इसके बाद बार-बार सड़क से लेकर संसद तक मांग उठ रही है कि पेट्रोल डीजल को जीएसटी में शामिल किया जाए. इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान भी आया जिससे लोगों की उम्मीदें बढ़ीं लेकिन थोड़ी ही देर में सुशील मोदी के बयान से उम्मीदें खत्म होती दिख रही हैं.

  1. आम आदमी को बड़ा झटका
  2. जीएसटी के दायरे में नहीं आ सकते पेट्रोल-डीजल
  3. सुशील मोदी का राज्यसभा में बड़ा बयान

सुशील मोदी का बड़ा बयान

बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने संसद में बड़ा बयान दिया है. सुशील मोदी ने कहा है कि अगले 8-10 साल तक पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जा सकता है क्योंकि जीएसटी पर विपक्ष बयानबाजी तो खूब करता है लेकिन जीएसटी काउंसिल की बैठक में कोई भी स्लैब को लेकर कोई सवाल नहीं उठाता. सुशील मोदी का आरोप है कि किसी भी प्रदेश के मुख्यंत्री या वित्त मंत्री ने कभी जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में डालने पर कभी कोई बात ही नहीं की.

'विकास में लग रहा है टैक्स कलेक्शन'

सुशील मोदी का कहना है कि अगर पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ गया है तो इसमें दिक्कत क्या है क्योंकि एक तो इसका फायदा केंद्र और राज्य सरकार दोनों को मिल रहा है. सुशील मोदी के मुताबिक अगर पेट्रोल की कीमत 100 रुपये हो जाए तो 60 रुपये टैक्स लगेगा. 60 रुपये में 35 रुपये केंद्र और 25 रुपये राज्य को मिलेंगे. इसके अलावा सुशील मोदी ने ये भी कहा टैक्स कलेक्शन से विकास के काम किए जा रहे हैं तो फिर टैक्स पर इतना विवाद क्यों हो रहा है.

'नुकसान की भरपाई कहां से होगी'

सुशील मोदी ने ये सवाल भी विपक्ष से पूछा है कि अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में डाल दिया गया तो 100 रुपये लीटर वाले पेट्रोल पर 12 रुपये टैक्स आएगा. ऐसे में प्रति लीटर करीब 48 रुपये का नुकसान केंद्र और राज्य को होगा. सुशील मोदी ने साफ-साफ पूछा कि विपक्ष ये बताए कि अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल कर लिया जाए तो 48 रुपये लीटर के नुकसान की भरपाई कब और कैसे होगी. अगर इसका विपक्ष के पास कोई जवाब है तो जवाब क्यों नहीं देता.

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वित्त मंत्री ने क्या बयान दिया था

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर चर्चा शुरू होनी चाहिए और इससे उन्हें बहुत खुशी होगी. इस बयान के ये मायने निकाले गए कि जल्द ही पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है लेकिन शाम होते-होते सुशील मोदी के बयान ने आम जनता को बड़ा झटका दे दिया है.

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