Union Budget 2024: भारत का आम बजट 2024-25 मंगलवार (23 जुलाई) को पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024-25 प्रस्तुत करेंगी. यह सीतारमण का लगातार सातवां बजट भाषण होगा. वह ऐसा करने वाली देश की पहली वित्त मंत्री बन जाएंगी. हालांकि, सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने के मामले में वह अब भी मोरारजी देसाई, पी चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी से पीछे रहेंगी. आम बजट, देश की अर्थव्यवस्था का दर्पण होता है. इसमें सरकार की अनुमानित आय और संभावित खर्च का ब्योरा देश के सामने रखा जाता है. बजट क्यों जरूरी है और इस बार के बजट से देश की जनता को क्या उम्मीदें है, आइए जानते हैं.
- आम बजट क्या होता है: आम बजट या केंद्रीय बजट, भारत सरकार का सालाना वित्तीय विवरण है. इसमें उस साल के अनुमानित खर्चों और आय का ब्यौरा होता है. दूसरे शब्दों में कहें तो केंद्रीय बजट, 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलने वाले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के वित्त का लेखा-जोखा सामने रखता है.
- बजट क्यों जरूरी: भारत विविधताओं से भरा देश है. न सिर्फ सामाजिक, बल्कि आर्थिक लिहाज से भी भारत में तमाम विविधताएं हैं. इस प्रकार की जनता पर शासन करने वाली सरकार के लिए जरूरी हो जाता है कि वह उपलब्ध संसाधनों का सही से उपयोग करे, क्षेत्रीय असमताओं को दूर करे, रक्षा-सुरक्षा को मजबूत करे, कमजोर तबके को मजबूत करे, शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं बेहतर करें... इसलिए बजट लाया जाता है. सही ढंग से बना हुआ बजट देश को विकास के रास्ते पर सरपट दौड़ा सकता है जबकि खामियों वाला बजट कई साल पीछे ले जा सकता है.
- भारत का पहला आम बजट: स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट 26 नवंबर, 1947 को देश के पहले वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था.
- बजट की टाइमिंग: बजट पारंपरिक रूप से फरवरी के आखिरी दिन शाम पांच बजे पेश किया जाता है. वर्ष 1999 में समय बदला गया था और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया. तब से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है. इसके बाद 2017 में बजट पेश करने की तिथि बदलकर एक फरवरी कर दी गई थी, ताकि सरकार मार्च के अंत तक संसदीय अनुमोदन प्रक्रिया पूरी कर सके.
- सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड: सीतारमण मंगलवार को अपना लगातार सातवां बजट पेश करके इतिहास रचने वाली हैं. इस तरह वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी. जिन्होंने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था. हालांकि, सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड अब भी देसाई के पास ही है. पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और बाद में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में वित्त मंत्री के तौर पर कुल 10 बजट पेश किए हैं. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नौ मौकों पर बजट पेश किया. प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आठ बजट पेश किए. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 से 1995 के बीच लगातार पांच बार बजट पेश किया, जब वह पी वी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे.
- सबसे लंबा और छोटा बजट भाषण: सबसे लंबा बजट भाषण सीतारमण ने एक फरवरी, 2020 को दो घंटे 40 मिनट का दिया. वर्ष 1977 में हीरूभाई मुलजीभाई पटेल का अंतरिम बजट भाषण अबतक का सबसे छोटा भाषण है, जिसमें केवल 800 शब्द हैं.
- बजट 2024 से क्या उम्मीदें: मंगलवार (23 जुलाई 2024) को वित्त मंत्री देश की विकास गति को बनाए रखने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन दे सकती हैं. उम्मीद है कि वित्त मंत्री आम आदमी और मध्यम वर्ग के हाथों में ज्यादा पैसे पहुंचाने के लिए आयकर (Income Tax) के मोर्चे पर राहत देंगी. सरकार GDP वृद्धि को गति देने के लिए पूंजीगत व्यय पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी, जिसमें बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष जोर दिया जाएगा.
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