US Federal Reserve Rate Hike: यूएस फेडरल रिजर्व ने 0.75 प्रतिशत बढ़ाईं ब्याज दरें, इस साल छठी बढ़ोतरी; भारत पर क्या होगा असर?
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US Federal Reserve Rate Hike: यूएस फेडरल रिजर्व ने 0.75 प्रतिशत बढ़ाईं ब्याज दरें, इस साल छठी बढ़ोतरी; भारत पर क्या होगा असर?

Interest Rate Hike: लगातार चौथी बार बेंचमार्क ब्याज दरें 0.75 प्रतिशत बढ़ाई गई हैं. 8 नवंबर को होने वाले अहम मिड-टर्म इलेक्शन से कुछ दिनों पहले फेडरल रिजर्व ने यह ऐलान किया है.

US Federal Reserve Rate Hike: यूएस फेडरल रिजर्व ने 0.75 प्रतिशत बढ़ाईं ब्याज दरें, इस साल छठी बढ़ोतरी; भारत पर क्या होगा असर?

Business News: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में 0.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. इस साल दरों में यह छठी बार इजाफा हुआ है. लगातार चौथी बार बेंचमार्क ब्याज दरें 0.75 प्रतिशत बढ़ाई गई हैं. 8 नवंबर को होने वाले अहम मिड-टर्म इलेक्शन से कुछ दिनों पहले फेडरल रिजर्व ने यह ऐलान किया है. फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में तेजी लाएगा, इसकी पूरी उम्मीद थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि बैंक महंगाई में कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि फेडरल रिजर्व ने ये संकेत भी दिए कि जल्द ही वह दरों में थोड़ी कमी कर सकता है.

 फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी दुनिया भर के स्टॉक मार्केट पर असर डालेगा खासकर भारत जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्था पर. जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व दरों में बढ़ोतरी करता है तो अमेरिकी निवेशक उभरते बाजारों से पैसा निकालने के लिए मजबूर हो जाते हैं. गुरुवार सुबह जब ट्रेडिंग शुरू होगी तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी का भारतीय बाजार पर बड़ा असर पड़ेगा. प्रमुख सूचकांकों में गिरावट देखी जा सकती है. इस साल 21 सितंबर को जब यूएस फेड ने पिछली बार प्रमुख दरों में बढ़ोतरी की थी तब ऐसा देखा गया था. रुपया पहले ही डॉलर के सामने पस्त नजर आ रहा है. उस पर और असर पड़ सकता है. 

फिलहाल एक डॉलर के मुकाबले रुपया 83 के आंकड़े को पार कर गया है. यूएस फेडरल की ओर से दरों में इजाफे के ऐलान से इस सप्ताह कुछ मौकों पर रुपया और कमजोर हो सकता है. कमजोर रुपया चालू खाते के घाटे को बढ़ाता है और आयात को महंगा करता है. दिलचस्प बात यह है कि यह चौथी बार है जब यूएस फेड ने दरों में 0.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है और  आरबीआई ने भी इस साल रेपो दरों में चार बार वृद्धि की है. बाजार विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी फेडरल रेट हाइक एक्शन का भारतीय बाजारों और रुपये पर सीधा असर पड़ता है, क्योंकि यूएस में उच्च ब्याज दरें भारतीय इक्विटी को कम करती हैं, जिससे विदेशी निवेशक दूर हो जाते हैं.

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