सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगाने के पश्चात अब अमेरिका के टेलीकॉम रेगुलेटर ने हुवावे और ZTE के उत्पादों पर जासूसी करने के आरोप में बैन लगा दिया है.
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वॉशिंगटनः भारत के बाद अमेरिका ने भी चीनी कंपनियों को बड़ा झटका दे दिया है. सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगाने के पश्चात अब अमेरिका के टेलीकॉम रेगुलेटर ने हुवावे और ZTE के उत्पादों पर जासूसी करने के आरोप में बैन लगा दिया है.
बताया इन कंपनियों को खतरनाक
अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन ने मंगलवार को 5-0 की वोटिंग के आधार पर इन कंपनियों को खतरनाक बताया. अमेरिकी सरकार ने इन कंपनियों से करार भी किया हुआ था, इसमें 8.3 बिलियन डॉलर का सामान खरीदना था, लेकिन अब इस पर भी रोक लग गई है.
FCC के अध्यक्ष अजीत पाई ने कहा कि इस फैसले के बाद Huawei और ZTE, ये दोनों ही टेलीकॉम कंपनियां $8.3 बिलियन के यूनिवर्सल सर्विस फंड का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी. बता दें कि FCC के इस फंड का इस्तेमाल इन कंपनियां द्वारा सप्लाई किए जाने वाले उपकरणों और ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं पर किया जाना था.
BREAKING NEWS: The @FCC has designated #Huawei and #ZTE as companies posing a national security threat to the United States. As a result, telecom companies cannot use money from our $8.3B Universal Service Fund on equipment or services produced or provided by these suppliers. 1/5 pic.twitter.com/dH6QK4jbd4
— Ajit Pai (@AjitPaiFCC) June 30, 2020
उन्होंने ट्विटर पर एक लेटर भी शेयर किया जिसमें सबूतों के आधार पर ब्यूरो ने हुवावे और ZTE को अमेरिका के कम्युनिकेशन नेटवर्क और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है. अमेरिका का कहना है कि हुवावे के इक्विपमेंट को चीन जासूसी करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है.
इन कंपनियों पर भी लग सकती है रोक
इसके अलावा तीन चीनी टेलीकॉम कंपनियों पर भी जल्द रोक लग सकती है. पिछले साल अमेरिकी बाजार में एंट्री को लेकर चीन मोबाइल लिमिटेड पर प्रतिबंधित लगाया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल मई में एक आदेश पारित किया था. जिसके अनुसार, जो भी कंपनी देश की सुरक्षा के लिए खतरा है उनके साथ किसी तरह की टेलिकम्युनिकेशन का कारोबार नहीं किया जाएगा.
एफसीसी के कमिश्नर जेफ्री स्टार्क्स ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि "अविश्वसनीय इक्विपमेंट" कई जगह पर लगे हैं और एफसीसी को रिप्लेसमेंट प्रोग्राम चलाने के लिए कहा गया है. पाई ने 24 जून को कांग्रेस को पूर्ण पैमाने पर रिप-एंड-रिप्लेस प्रोग्राम के रूप में 2 बिलियन डॉलर का खर्च बताया है.
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