लंदन में स्कॉटलैंड यार्ड ने विजय माल्या को किया गिरफ्तार, भारतीय बैंकों का 9000 करोड़ से ज़्यादा का बकाया
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लंदन में स्कॉटलैंड यार्ड ने विजय माल्या को किया गिरफ्तार, भारतीय बैंकों का 9000 करोड़ से ज़्यादा का बकाया

स्कॉटलैंड यार्ड ने विजय माल्या को गिरफ्तार कर लिया. विजय माल्या 2016 से फरार हैं. उनपर भारतीय बैंकों (17 बैंक) का 9000 करोड़ रुपए का कर्ज है. 

स्कॉटलैंड यार्ड ने विजय माल्या को गिरफ्तार कर लिया है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारत में भगोड़ा घोषित विजय माल्या को धोखाधड़ी के आरोपों में नयी दिल्ली के प्रत्यर्पण आग्रह पर मंगलवार (18 अप्रैल) को स्कॉटलैंड यार्ड ने लंदन में गिरफ्तार कर लिया, लेकिन चंद घंटे बाद उसे जमानत मिल गई. शराब कारोबारी माल्या भारत में ऋण डिफॉल्ट मामले में वांछित है. उसे मंगलवार सुबह उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब वह मध्य लंदन पुलिस थाने में पेश हुआ.

स्कॉ2016 से फरार चल रहे शराब कारोबारी को वेस्टमिंस्टर अदालत के आदेश पर स्कॉटलैंड यार्ड की पुलिस ने मंगलवार को करीब 9:30 सुबह (भारतीय समयानुसार) गिरफ्तार किया. उनपर भारतीय बैंकों के 9000 करोड़ सहित कुल 12000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज नहीं चुकाने का आरोप है.

भारत सरकार ने 8 फरवरी को विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन की सरकार को अर्जी भेजी थी. जनवरी 2017 में सीबीआई कोर्ट ने माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था.

किस बैंक पर है कितना कर्ज

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर 1600 करोड़, पंजाब नैशनल बैंक पर 800 करोड़, आईडीबीआई बैंक पर 800 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया पर 650 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा पर 550 करोड़, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया पर 430 करोड़, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर 410 करोड़, यूको बैंक पर 320 करोड़, कॉरपोरेशन बैंक पर 310, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर पर 150 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक पर 140 करोड़, फेडरल बैंक पर 90 करोड़, पंजाब एंड सिंध बैंक पर 60 करोड़ और एक्सिस बैंक पर 50 करोड़ रुपए का कर्ज है.

क्या है मामला

माल्या पर सरकारी बैंकों से लिए गए नौ हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज की देनदारी है. माल्या ने करीब 8.2 हजार करोड़ रुपए अपनी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस समेत कई कंपनियों के नाम पर ले रखे थे. बैंकों की शिकायत पर उसके खिलाफ भारत सरकार का प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो समेत कई एजंसियां जांच कर रही हैं. उसके खिलाफ आर्थिक गबन के कई मामले चल रहे हैं. कुछ मामलों में अदालत के निर्देश पर माल्या की कंपनियों के स्वामित्व वाली परिसंपत्तियां जब्त की गई हैं. बैंकों का कर्ज न चुकाने और देश छोड़कर भाग जाने के कारण माल्या के प्रकरण में सरकारी को खासी शर्मिंदगी उठानी पड़ी है. जब बैंकों ने कर्ज वसूली के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया तो माल्या 2 मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गया था.

कैसे होता है प्रत्यर्पण:

ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में न्यायाधीश द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी करने सहित कई कदम शामिल होते हैं. वारंट के मामले में व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है और प्रारंभिक सुनवाई के लिए अदालत लाया जाता है. फिर विदेश मंत्री द्वारा अंतिम फैसला किए जाने से पहले एक प्रत्यर्पण सुनवाई होती है. वांछित व्यक्ति को किसी भी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक उच्च अदालतों में अपील करने का अधिकार होता है.

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