Income Tax: जिन लोगों की इनकम टैक्सेबल स्लैब से ज्यादा है उन लोगों को हर साल इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना होता है. इसके साथ ही योग्य लोगों को इनकम टैक्स रिफंड भी हासिल होता है. आइए जानते हैं अब इसको लेकर ताजा अपडेट...
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Income Tax Return: कंपनियों और लोगों का मानना है कि सरकार के विभिन्न उपायों से आयकर वापसी में लगने वाले समय में कमी आई है. उद्योग मंडल सीआईआई के एक सर्वे में कहा गया है कि 89 प्रतिशत व्यक्तियों और 88 प्रतिशत कंपनियां यह मानती हैं कि आयकर ‘रिफंड’ प्राप्त करने में लगने वाले समय में पिछले पांच साल में कमी आई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपे सीआईआई आयकर रिफंड सर्वे में यह भी पाया गया कि 75.5 प्रतिशत व्यक्तियों और 22.4 प्रतिशत कंपनियों ने अपनी अनुमानित कर देनदारी से अधिक टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) का भुगतान नहीं किया.
इनकम टैक्स रिफंड
सर्वे में शामिल प्रतिभागियों (84 प्रतिशत व्यक्तियों और 77 प्रतिशत कंपनियों) का यह भी मानना है कि कर वापसी की स्थिति की जांच करने की प्रक्रिया अब बेहतर और सुचारू है. सीआईआई के अध्यक्ष आर दिनेश ने कहा, ‘‘सरकार ने टैक्सेशन व्यवस्था को सुव्यवस्थित, सरल और स्वचालित करने के लिये हाल के वर्षों में जो उपाय शुरू किये हैं, उससे काफी लाभ हुआ है. यह सीआईआई के आयकर रिफंड की गति और दक्षता के आकलन पर किये गये सर्वेक्षण के परिणाम से स्पष्ट है.’’
आयकर रिफंड
सर्वे में कहा गया है कि आश्चर्यजनक रूप से 87 प्रतिशत व्यक्तियों और 89 प्रतिशत कंपनियों को लगता है कि आयकर ‘रिफंड’ का दावा करने की प्रक्रिया सुविधाजनक है. सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘‘व्यक्तियों और कंपनियों के लिये पिछले पांच साल में (2018-2023) आयकर रिफंड प्राप्त करने के लिये प्रतीक्षा समय में महत्वपूर्ण कमी आई है. यह उत्साहजनक है. यह पिछले कुछ वर्षों में आयकर रिफंड प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल और कुशल बनाने के सरकार के प्रयासों को दर्शाता है.’’
इनकम टैक्स
सीआईआई ने यह सर्वे अखिल भारतीय स्तर पर अक्टूबर 2023 में 3,531 प्रतिभागियों के बीच किया था. इनमें से 56.4 प्रतिशत व्यक्ति और 43.6 प्रतिशत कंपनी/उद्यम/संगठन थे. इसमें प्रमुख राज्यों की भागीदारी थी. सर्वे में कहा गया है कि आयकर ‘रिफंड’ प्रक्रिया में स्वचालन और सरलीकरण ने करदाताओं के बीच आयकर विभाग के प्रति भरोसा बढ़ाया है. (इनपुट: भाषा)