व्हाट्सएप ने EC से कहा, ‘चुनाव से पहले लाया जाएगा फर्जी खबरों के वेरिफिकेशन का मॉडल'
Advertisement

व्हाट्सएप ने EC से कहा, ‘चुनाव से पहले लाया जाएगा फर्जी खबरों के वेरिफिकेशन का मॉडल'

व्हाट्सएप ने कहा कि उसने हमेशा से उन मैसेज के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है जो व्यवस्था को चोट पहुंचाने की कोशिश करता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर, साभार - रॉयटर्स

नई दिल्ली: व्हाट्सएप ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह अपने ‘मैसेज प्लेटफार्म ’ के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए चुनावों से पहले कई कदम उठाएगा. कंपनी ने कहा कि वह भारत में फर्जी खबर सत्यापन मॉडल लाएगी जिसका उपयोग दुनिया के दूसरे देशों में किया जा रहा है. व्हाट्सएप के वैश्विक कार्यकारी पहले से भारत में हैं और उन विभिन्न मुद्दों पर नीति निर्माताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं जिसका सामना कंपनी कर रही है. 

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘कंपनी ने अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले व्हाट्सएप के उपयोग को लेकर बेहतर गतिविधियों के साथ इसके गलत इस्तेमाल को रोकने पर चर्चा के लिए हाल ही में चुनाव आयोग तथा राजनीतिक संगठनों के साथ बातचीत की है.’ 

व्यक्तिगत और छोटे समूह के बीच बातचीत के लिए बना है व्हाट्सएप
प्रवक्ता ने आगे कहा कि व्हाट्सएप को व्यक्तिगत और छोटे समूह के बीच बातचीत के लिए तैयार किया गया है और कंपनी ने हमेशा से उन मैसेज के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है जो व्यवस्था को चोट पहुंचाने की कोशिश करता है. वैसे मैसेज भेजने वालों के ‘ एकाउंट ’ को बंद किया गया है. 

एक सूत्र ने बताया कि व्हाट्सएप ने चुनाव आयोग से कहा कि वह राज्यों में होने वाले चुनावों और आम चुनावों से पहले स्पैम मैसेज तकनीक को लेकर सतर्क रहेगा. उसने कहा कि व्हाट्सएप के अधिकारियों का एक दल भारत में है और अगले कुछ दिनों में नीति निर्माताओं के साथ बैठक करेगा. 

कंपनी लाएगा फर्जी खबर सत्यापन मॉडल
कंपनी ने चुनाव आयोग से यह भी कहा है कि वह भारत में फर्जी खबर सत्यापन मॉडल  'वेरिफिकैडो ’लाएगी. इसका मेक्सिको चुनाव में उपयोग किया गया है. ब्राजील में भी इसका उपयोग किया गया है. 

व्हाट्सएप ने शुक्रवार को  घोषणा कि वह भारत में उपयोगकर्ताओं को एक बार में पांच से अधिक ‘ चैट ’ आगे भेजने की अनुमति नहीं देगी. कंपनी ‘ क्विक फारवार्ड बटन ’ को हटा देगी जो मीडिया मैसेज के साथ आता है. यह फर्जी मैसेज तथा अफवाह को रोकने के प्रयास का हिस्सा है. भारत में मैसेज भेजने को लेकर जो पाबंदी लगायी जा रही है वैश्विक स्तर पर निर्धारित मानदंडों के मुकाबले यह कड़े उपाय है. वहां इसकी सीमा 20 है.

(इनपुट - भाषा)

Trending news