Wheat Price in india: देश में खानेपीने के सामान की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं. इस समय गेहूं की कीमतों (Wheat Price) में लगातार तेजी देखी जा रही है. सरकार ने कीमतों पर रोक लगाने के लिए खास प्लान बनाया है-
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Wheat Price Delhi: आम जनता को महंगाई के मोर्चे पर बड़ा झटका लग रहा है. देश में खानेपीने के सामान की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं. इस समय गेहूं की कीमतों (Wheat Price) में लगातार तेजी देखी जा रही है. बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने मई महीने में इसके निर्यात पर भी रोक लगा दी थी. फिलहाल अब भी गेहूं की कीमतों में तेजी देखी जा रही है, जिसकी वजह से आटे के दाम भी बढ़ गए हैं. अब सरकार कीमतों पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही बड़ी कार्रवाई कर सकती है.
खाद्य सचिव ने दी जानकारी
आपको बता दें केंद्र सरकार गेहूं की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने जानकारी देते हुए कहा है कि भारत में गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है तो आम जनता को परेशान होने की जरूरत नहीं है. सचिव ने कहा कि गेहूं की खुदरा कीमतों में तेजी सट्टा कारोबार की वजह से है.
19 फीसदी बढ़ चुकी हैं गेहूं की कीमतें
इसी वजह से केंद्र सरकार जमाखोरों को चेतावनी दी है और जल्द ही उन पर कार्रवाई भी का जा सकती है. बता दें पिछले साल से लेकर अब तक गेहूं की खुदरा कीमतों में 19 फीसदी का इजाफा हो चुका है.
कितना महंगा हो गया आटा?
पिछले साल के अगर गेहूं के रेट्स की बात की जाए तो वह 26.01 रुपये प्रति किलो था जोकि आज बढ़कर 31.02 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है. इसके अलावा अगर आटे की कीमतें देखें तो पिछले साल आटे का भाव 30.53 रुपये प्रति किलो था. वहीं आज आटे की कीमत 36.1 रुपये प्रति किलो है. इस दौरान आटे की कीमतों में 18 फीसदी का उछाल देखने को मिला है.
कितना हो रहा उत्पादन?
अगर गेहूं के उत्पादन की बात की जाए तो वह साल 2021-22 फसल वर्ष (जुलाई-जून) की रबी के सीजन में लगभग 105 मिलियन (10.5 करोड़ टन) टन रहा है. वहीं, व्यापारियों के अनुमान की बात की जाए तो गेहूं का उत्पादन 9.5 करोड़ टन रहेगा. सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था.
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