Mahua Moitra Case: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के साथ विवाद को लेकर में जय अनंत देहाद्राई चर्चा में आए। उन्होंने ही महुआ के खिलाफ पहली बार 14 अक्टूबर को सीबीआई से शिकायत की थी.
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Who is Jai Anant Dehadrai: एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर 8 दिसंबर (शुक्रवार) को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी. मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के बदले उद्योगपतियों से महंगे गिफ्ट लेने का आरोप लगाया गया था. उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने सरकारी लॉग-इन ID और पासवर्ड बाहरी लोगों के साथ शेयर किये थे. पूरे मामले की जांच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एथिक्स कमेटी से कराई थी, जिसकी रिपोर्ट के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दिया गया.
दोस्त से दुश्मन बन गए देहाद्राई और महुआ!
इस मामले में 15 अक्टूबर को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत की. दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई की तरफ से सीबीआई को दी गई शिकायत का हवाला दिया था. पिछले दो महीने से राजनीतिक गलियारों में चल रहे कैश फॉर क्वेरी कांड में महुआ मोइत्रा की सांसदी जाने के बाद चर्चा है कि कभी महुआ और जय अनंत देहाद्राई आपस में दोस्त थे? आइए जानते हैं जय अनंत के बारे में विस्तार से-
कौन हैं जय अनंत देहाद्राई
लॉ क्लर्क के रूप में करियर शुरू करने वाले जय अनंत देहाद्राई अपनी फील्ड का जाना-पहचाना नाम हैं. पुणे यूनिर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से कानून में मास्टर्स किया. 35 साल के जय अनंत के काम करने का अंदाज भी एकदम अलग है. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के साथ विवाद को लेकर वह चर्चा में आए. उन्होंने ही महुआ के खिलाफ पहली बार 14 अक्टूबर को सीबीआई से शिकायत की थी. देहाद्राई व्हाइट कॉलर क्राइम से जुड़े केस में प्रैक्टिस करते हैं. लेकिन उन्होंने दूसरों से जुड़े कई मुकदमें अपने दम पर लड़े हैं. उन्होंने दिल्ली जेल नियमों (Delhi Prison Rules) के प्रावधानों को कोर्ट में चैलेंज किया. इसमें किसी कैदी के रिश्तेदारों की मुलाकात की संख्या को घटा दिया गया. इस मामले को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया. 2017 में देहाद्राई ने ऐसे परिवार के लिए लड़ाई लड़ी, जिसे 7 साल की बेटी को डेंगू से खोने के बाद भारी-भरकम मेडिकल बिल का सामना कर पड़ा. जय अनंत ने दिल्ली सरकार के खिलाफ दिव्यांगता अधिकारों के लिए लड़ने वाले एनजीओ का भी मुकदमा लड़ा.
स्कूलिंग और कानून की पढ़ाई
देहाद्राई की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक उन्होंने साल 2006 में आरके पुरम स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से अपनी पढ़ाई की. उन्होंने 2011 में पुणे में इंडियन लॉ सोसाइटी के लॉ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. उन्होंने अप्रैल 2010 से जून 2010 तक देश के मुख्य न्यायाधीश के ऑफिस में इंटर्नशिप की. इसके बाद नवंबर 2010 से फरवरी 2011 तक पुणे में टाटा मोटर्स में बतौर रिसर्च इंटर्न काम किया. उन्होंने एक वकील के रूप में अपना करियर करंजावाला एंड कंपनी के साथ शुरू किया. इस कंपनी ने पिछले कुछ सालों में कई हाई-प्रोफाइल मामले लड़े हैं. इसके बाद उन्होंने पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से कानून में पीजी (2012-2013) किया. देहाद्राई ने भारत लौटने के बाद 2014 से 2015 तक सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे के अधीन लॉ क्लर्क के रूप में काम किया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आत्माराम नाडकर्णी के चैंबर में भी काम किया. इसके बाद देहाद्राई ने अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी. अब वह अलग-अलग मामलों में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पेश होते हैं.
देहाद्राई और मोइत्रा
मोइत्रा की तरफ से देहाद्राई के खिलाफ दी गई मानहानि याचिका के अनुसार वे दोनों करीबी दोस्त थे. दोस्ती टूटने के बाद संबंधों में कड़वाहट आ गई. दोनों के बीच कथित तौर पर एक पालतू कुत्ते की कस्टडी को लेकर भी विवाद है. मोइत्रा ने दावा किया कि कुत्ता उनका है, जबकि देहाद्राई ने पुलिस शिकायत में दावा किया गया कि उन्होंने कुत्ते को 75,000 रुपये में खरीदा था. पीटीआई के अनुसार मोइत्रा ने पिछले कुछ महीनों में देहाद्राई के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई हैं. उन्होंने देहाद्राई पर उनके सरकारी आवास में घुसकर चोरी करने का भी आरोप लगाया है. उनकी तरफ से देहाद्राई पर अश्लील मैसेज भेजने और संपर्कों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया गया है.