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Hyundai Motor Share: हुंडई इंडिया मोटर के शेयर निवेशकों को लगातार निराश कर रहे हैं. पहले खराब लिस्टिंग ने निवेशकों को उदास किया तो अब खराब तिमाही नतीजों ने निवेशकों के बचे हुए उत्साह का सत्यानाश कर दिया है. हालात ये है कि हुंडई मोटर के शेयर लगातार लोअर सर्किट पर चल रहे हैं. कंपनी के शेयर 5 फीसदी से अधिक गिरावट के बाद 1713.25 रुपये पर पहुंच गए हैं. शेयर के भाव 52 हफ्तों के लो प्राइस पर पहुंच गए हैं. बाद में कंपनी के शेयर 1739.10 -65.35 (-3.62%) के शेयर पर बंद हुए.
हुंडई मोटर इंडिया के शेयर में नहीं रुक रही गिरावट
देश की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक हुंडई मोटर इंडिया के शेयर में लिस्टिंग के बाद से गिरावट का क्रम जारी है. बुधवार को कंपनी का शेयर 3.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,745 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ. हुंडई मोटर इंडिया के शेयर की लिस्टिंग 22 अक्टूबर को हुई थी। ऑटोमोबाइल कंपनी का शेयर अपने इश्यू प्राइस 1,960 रुपये के मुकाबले 1.47 प्रतिशत की मंदी के साथ 1,931 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ था. तब से ही शेयर में लगातार मंदी देखी जा रही है.
खराब नतीजों का असर
बुधवार के बंद के मुताबिक, हुंडई मोटर इंडिया का शेयर अपने आईपीओ प्राइस से 10 प्रतिशत से अधिक फिसल गया है. शेयर में गिरावट की वजह कंपनी के खराब नतीजे और बिक्री के आंकड़ों को माना जा रहा है. हुंडई मोटर इंडिया ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए थे. कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा सालाना आधार पर 16 प्रतिशत गिरकर 1,375 करोड़ रुपये रह गया है, जो कि एक साल पहले समान अवधि में 1,628 करोड़ रुपये था.
कंपनी के मुनाफे में कमी
मुनाफे में कमी वजह कम घरेलू बिक्री है. अक्टूबर 2024 में कंपनी ने घरेलू बाजार में 55,568 वाहनों की बिक्री की थी. इसमें सालाना आधार पर मजह 0.80 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जो कि बाजार की औसत वृद्धि से काफी कम है. पिछले साल समान अवधि में कंपनी ने 55,128 वाहनों की बिक्री की थी. हुंडई मोटर इंडिया की ओर से बीते महीने देश का बड़ा आईपीओ लॉन्च किया था. इसका साइज 27,870 करोड़ रुपये था. हुंडई मोटर इंडिया, मारुति सुजुकी इंडिया के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी है. जून 2024 में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी करीब 14 प्रतिशत थी. वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने 7.77 लाख वाहनों की बिक्री की थी, जिसमें से 21 प्रतिशत का निर्यात लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, मध्यपूर्व और यूरोप जैसे देशों में किया गया था. इनपुट एजेंसी