क्यों इस देश से बेतहाशा सोना खरीद रहा है भारत, एक साल में खरीद लिए 8,93,91,54,50,000 रुपये के गोल्ड-सिल्वर
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क्यों इस देश से बेतहाशा सोना खरीद रहा है भारत, एक साल में खरीद लिए 8,93,91,54,50,000 रुपये के गोल्ड-सिल्वर

भारत सोने-चांदी की अपनी जरूरत का अधिकांश हिस्सा आयात से पूरा करता है. बीते एक साल में यूएई से भारत का सोने-चांदी का आयात लगातार बढ़ा है.

Gold Rate

Gold-Silver Import:भारत सोने-चांदी की अपनी जरूरत का अधिकांश हिस्सा आयात से पूरा करता है. बीते एक साल में यूएई से भारत का सोने-चांदी का आयात लगातार बढ़ा है. मुक्त व्यापार समझौता (FTA) साझेदार संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से सोने और चांदी का आयात 2023-24 में 210 प्रतिशत बढ़कर 10.7 अरब डॉलर हो गया है. 

 इस उछाल को कम करने के लिए समझौते के तहत रियायती सीमा शुल्क दरों में संभावित रूप से संशोधन करने की आवश्यकता है. आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार, सोने और चांदी के आयात में यह तीव्र वृद्धि मुख्य रूप से भारत-संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के तहत भारत द्वारा यूएई को दी गई आयात शुल्क रियायतों से मुमकीन हो पाई है. जीटीआरआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत असीमित मात्रा में चांदी के आयात पर सात प्रतिशत शुल्क या सीमा शुल्क रियायतें और 160 मीट्रिक टन सोने पर एक प्रतिशत रियायत देता है. 

सीईपीए पर फरवरी 2022 में हस्ताक्षर किए गए और मई 2022 में इसे लागू किया गया. इसके अतिरिक्त भारत गिफ्ट सिटी में इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (आईआईबीएक्स) के जरिए निजी कंपनियों को यूएई से आयात करने की अनुमति देकर सोने और चांदी के आयात की सुविधा देता है. पहले केवल अधिकृत एजेंसियां ​​ही ऐसे आयातों को संभाल सकती थीं. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत का यूएई से कुल आयात वित्त वर्ष 2022-23 में 53.2 अरब अमरीकी डॉलर से 9.8 प्रतिशत घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में 48 अरब अमरीकी डॉलर हो गया, जबकि सोने तथा चांदी का आयात 210 प्रतिशत बढ़कर 3.5 अरब अमरीकी डॉलर से 10.7 अरब अमरीकी डॉलर हो गया. 

शेष सभी उत्पादों का आयात वित्त वर्ष 2022-23 में 49.7 अरब अमरीकी डॉलर से 25 प्रतिशत घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में 37.3 अरब अमरीकी डॉलर हो गया. जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यूएई से सोने और चांदी का मौजूदा आयात टिकाऊ नहीं है, क्योंकि यूएई सोने या चांदी का खनन नहीं करता है या आयात में पर्याप्त मूल्य नहीं जोड़ता है.  

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