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वॉशिंगटन: वर्ल्ड बैंक (World Bank) के अध्यक्ष डेविड मालपास (David Malpass) ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी की चपेट में आई भारतीय अर्थव्यवस्था अब संकट से उबरने की स्थिति में है और वर्ल्ड बैंक इसका स्वागत करता है.
मालपास ने यह भी कहा कि भारत संगठित क्षेत्र की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में अधिक लोगों को एकीकृत करने और लोगों की कमाई बढ़ाने की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है. भारत ने इस दिशा में कुछ प्रगति की है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. मालपास ने कहा, 'भारतीयों को कोविड की लहर से बहुत नुकसान हुआ है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने टीकों के विशाल उत्पादन के साथ इससे निपटने की कोशिश की है और टीकाकरण की कोशिश में भी बढ़ोतरी हुई है. लेकिन हमें भारतीय अर्थव्यवस्था पर और विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र (Unorganized Sector) पर जो प्रभाव पड़ा है, उसका पता लगाना होगा.'
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पिछले हफ्ते वर्ल्ड बैंक ने इस साल इंडियन इकोनॉमी के 8.3% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था. वर्ल्ड बैंक (World Bank) के अध्यक्ष मालपास ने कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है, और हम इसका स्वागत करते हैं. इसने कोविड की ताजा लहर से पार पालिया है. यह अच्छी बात है. लेकिन भारत, अन्य देशों की तरह, अब आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और दुनिया में बढ़ रही मुद्रास्फीति (Inflation) से प्रभावित हो रहा है.'
बीते दिन मंगलवार को ही इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से अच्छी खबर दी थी. आईएमएफ ने इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ रेट को 9.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया था. इसके साथ ही IMF की तरफ से कहा गया था कि अगले साल यानी 2022 में ग्रोथ रेट 8.5 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. आपको बता दें, कोरोना की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 7.3% की गिरावट आई थी.
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