पीपीएफ में निवेश की अवधि यानी लॉक इन पीरियड 15 साल है, लेकिन आप समय से पहले भी पीपीएफ खाते में जमा पैसे में से आंशिक राशि को निकाल सकते हैं
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नई दिल्ली: सार्वजनिक भविष्य निधि यानी PPF हमेशा से सुरक्षित निवेश का आकर्षक विकल्प रहा है. हालांकि पिछले कुछ समय से रिटर्न के रूप में मिलने वाले ब्याज की दर में गिरावट का रुझान रहा है. पीपीएफ में निवेश की अवधि यानी लॉक इन पीरियड 15 साल है, लेकिन आप समय से पहले भी पीपीएफ खाते में जमा पैसे में से आंशिक राशि को निकाल सकते हैं. हां, इसके लिए कुछ खास नियम हैं, जिन्हें आपको समझना होगा.
साथ ही एक पीपीएफ खाते को समय से पहले भी बंद किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ खास परिस्थितियां होनी चाहिए. कोई भी पीपीएफ खाताधारक अपना खाता पांच साल पूरा होने के बाद विशेष परिस्थितियों में बंद करा सकता है. विशेष परिस्थिति जैसे उच्च शिक्षा का खर्च, इलाज कराना पड़े.
यहां याद रखें कि अगर आप समय से पहले खाता बंद करते हैं तो आपको पेनाल्टी के रूप में एक प्रतिशत कम ब्याज मिलेगा. साथ ही अगर कोई 15 साल के बाद भी खाते को आगे चलाना चाहता है को चला सकता है. फिलहाल पीपीएफ पर 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलता है. एक नजर डालते हैं पीपीएफ से पैसे निकालने से जुड़े पांच नियमों पर डालते हैं नजर.
1. सातवें साल की शुरुआत से पीपीएफ खाताधारक हर साल जमा पैसे में से आंशिक निकासी शुरू कर सकता है.
2. जानकारों के मुताबिक, पीपीएफ खाते से आंशिक राशि की निकासी पर कोई टैक्स नहीं देना होता है
3. कोई भी पीपीएफ खाताधारक 15 साल की लॉक इन पीरियड के बाद भी खाते को बिना किसी जमा राशि के बनाए रख सकता है. खाते में मौजूद राशि पर ब्याज खाते के बंद होने तक मिलता रहता है
4. अगर खाताधारक 15 साल के बाद भी खाते में निवेश जारी रखना चाहता है तो वह पांच साल की लॉक इन पीरियड के रूप में निवेश आगे बढ़ा सकता है.
5 पीपीएफ खाताधारक पांच साल की निवेश अवधि में सिर्फ एक बार 60 प्रतिशत तक की राशि को निकाल सकता है.