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ZEEL-Invesco Case: ज़ी एंटरटेनमेंट को हथियाने की कोशिश कर रहे इनवेस्को मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ZEE बोर्ड से एक्स्ट्राऑर्डनरी जनरल मीटिंग बुलाने का मशविरा दिया है. 21 अक्टूबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (Zee Entertainment Enterprises) से EGM बुलाने को कहा है. कंपनी के शेयरहोल्डर इनवेस्को डेवलपिंग मार्केट फंड्स और OFI ग्लोबल चाइना फंड (Invesco Developing Market Funds और OFI Global China Fund) ने EGM बुलाने की डिमांड रखी थी. कोर्ट ने ये भी कहा है कि EGM में पारित प्रस्ताव को तब तक सुरक्षित रखा जाना चाहिए जब तक ये निर्णय न आ जाए की EGM बुलाने की मांग वैध है या नहीं.
हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कोर्ट (बॉम्बे हाई कोर्ट) ने इनवेस्को के पक्ष में फैसला सुनाया है. लेकिन, हकीकत में EGM की अध्यक्षता रिटायर्ड जज करेंगे. Zee Entertainment की तरफ से पैरवी करने वाले वकील ने बताया है कि EGM में पारित प्रस्ताव सूचना और प्रसारण मंत्रालय के मंजूरी के अधीन होंगे. कंपनी EGM की तारीख की सूचना आज 22 अक्टूबर को देगी. क्योंकि, कंपनी कभी भी माननीय कोर्ट के कानून और आदेशों के खिलाफ नहीं जाएंगी.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने इसे इनवेस्को की जीत बताया है, क्योंकि ZEEL ने उनकी मांगों पर सहमति व्यक्त की है, लेकिन इस तरह की रिपोर्ट झूठी और पक्षपाती हैं. गौरतलब है कि Zee Entertainment में Invesco और OFI Global China की हिस्सेदारी करीब 18 फीसदी है. इन दोनों ने कंपनी के बोर्ड से 11 सितंबर को मांग की थी कि कंपनी की EGM बुलाई जानी चाहिए.
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार- ZEEL की बोर्ड बैठक की अध्यक्षता एक न्यूट्रल व्यक्ति को करनी है. इसलिए EGM की अध्यक्षता रिटायर्ड जज करेंगे. EGM के बाद ZEEL परिणाम को चुनौती दे सकता है और अदालत मेरिट के आधार पर फैसला करेगा. यह तय करेगा कि MIB अप्रूवल और अधिकार क्षेत्र के बिना बोर्ड में किसी को नियुक्त किया जा सकता है. ZEE के EGM की डेट के साथ बाकी डिटेल्स पर कोर्ट आज अंतिम आदेश पारित करेगा.
बता दें, इनवेस्को ZEEL पर कंट्रोल को लेकर जिद पर अड़ा है. Invesco ने ZEEL को रिलायंस ग्रुप के साथ सौदा करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की थी. हालांकि, शेयरहोल्डर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए ज़ी ने सौदा करने से इनकार कर दिया था. दरअसल, जिन रिलायंस की जिन कंपनियों का ZEE के साथ विलय करने की बात रखी गई थी, उनकी वैल्यूएशन को करीब 10,000 करोड़ रुपए बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया था.
इनवेस्को ने MD और CEO के अलावा निदेशक अशोक कुरियन और मनीष चोखानी को हटाने के लिए EGM बुलाई थी. हालांकि, कुरियन और चोखानी पहले ही अपने पदों से इस्तीफा दे चुके हैं, जिससे इनवेस्को द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को "निष्फल" बना दिया गया है. इनवेस्को ने बोर्ड में 6 नए निदेशकों की नियुक्ति की मांग की है, इसमें सुरेंद्र सिंह सिरोही, नैना कृष्ण मूर्ति, रोहन धमीजा, अरुणा शर्मा, श्रीनिवास राव अडेपल्ली और गौरव मेहता शामिल हैं. हालांकि, इन सभी का एंटरटेनमेंट या मीडिया इंडस्ट्री से कोई ताल्लुक नहीं है.
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