Career Guidance: अगर आप भी 12वीं के बाद सही करियर पाथ चुनना चाहते हैं, ताकि आपको शानदार सैलरी पैकेज के साथ मन की नौकरी मिले, तो आपके पास खुद को एनालाइज करने और फैसला लेने का यही सही समय है.
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Career Options After 12th: 12वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के मन में सबसे आम सवाल यही होता है कि 12वीं के बाद क्या करें? हालांकि, आज के समय में स्टूडेंट्स को सही करियर गाइडेंस देने के लिए ज्यादातर स्कूलों करियर काउंसलर्स को हायर करते हैं. उनकी सलाह पर ज्यादातर स्टूडेंट्स तो जेईई मेन, नीट और सीयूईटी आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी साथ-साथ शुरू कर देते हैं, लेकिन फिर भी आपके पास प्लान बी होना जरूरी है.
आज हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिनके जरिए आप बेहतर तरीके से अपना भविष्य संवार सकते हैं. ये टिप्स आपको 12वीं के बाद सही करियर चुनने में मददगार साबित होंगे, जिससे आपको मनचाही जॉब और शानदार सैलरी मिले सके.
इंट्रेस्ट को दें प्रायरिटी
1. करियर चुनने से पहले इस बारे में जरूरी सोचें कि आपका सेल्फ रिफ्लेक्शन क्या है, यह आगे की लाइफ को बेहतर बनाने के लिए एक बहुत ही जरूरी पॉइंट है. आपको अपनी दिलचस्पी, स्ट्रॉन्ग पॉइंट्स और पैशन के बारे में पता होना चाहिए. अपने पर्सनालिटी ट्रेट को समझने से आपके लिए लॉन्ग टर्म गोल बनाना बेहद आसान हो जाता है.
2. इंट्रोस्पेक्शन करने के लिए आप किसी बेहतर करियर काउंसलर से गाइडेंस ले सकते हैं. इसके अलावा टीचर्स और मेंटर्स से भी इस बारे में बात करके फैसला ले सकते हैं.
करियर ऑप्शन पर रिसर्च जरूरी
1. अपने इंट्रेस्ट और स्ट्रेंथ को समझने के बाद करियर ऑप्शन को एक्सप्लोर करें. उन सेक्टर्स में प्रोफेशन को बारीकी से समझने की कोशिश करें, जानकारी जुटाने के लिए ऑनलाइन रिसोर्स, करियर एक्सप्लोरेशन टूल्स आदि का इस्तेमाल करें.
2. किसी सेक्टर को चुनने के बाद उसमें जॉब मार्केट ट्रेंड और ग्रोथ प्रॉस्पेक्ट के बारे में एनालिसिस करना न भूलें.
इन बातों को भी रखें ध्यान
1. अपने लिए बेहतर करियर पाथ चुनते समय अपने एप्टिट्यूड और स्किल्स का पता होना भी जरूरी है. अपने पसंदीदा विषयों और फील्ड में अपने वीक और स्ट्रॉन्ग पाइंट्स को पहचानें, ताकि आगे चलकर प्रोफेशनल लाइफ में कोई समस्या न हो.
2. कुछ करियर ऑप्शन में टेक्निकल स्किल्स तो किसी में पर्सनल एट्रिब्यूट्स होना जरूरी है, जबकि कुछ करियर ऑप्शन सॉफ्ट स्किल्स को प्रायरिटी देते हैं. इन फैक्टर्स पर खुद को एनालाइज करना भी बेहद जरूरी है.