Archana Kamath: इसे कहते हैं पढ़ाई का जुनून! जिस काम ने दिलाया नेम-फेम अब वही छोड़ दिया
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Archana Kamath: इसे कहते हैं पढ़ाई का जुनून! जिस काम ने दिलाया नेम-फेम अब वही छोड़ दिया

Archana Kamath Paris Olympics: टेबल टेनिस के साथ मेरे 15 साल शानदार रहे हैं और अपने देश के लिए अपना बेस्ट देने का मौका मिलने से बड़ा कोई सम्मान नहीं है. 

Archana Kamath: इसे कहते हैं पढ़ाई का जुनून! जिस काम ने दिलाया नेम-फेम अब वही छोड़ दिया

Archana Kamath Table Tennis Player: भारत की टॉप पैडलर अर्चना कामथ ने पढ़ाई के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए टेबल टेनिस छोड़ दिया है. 24 साल की ओलंपियन, जो पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने वाली भारत की महिला टीम की प्रमुख सदस्य थीं, ने कहा कि उनका निर्णय पूरी तरह से पढ़ाई के प्रति उनके प्यार से प्रेरित है.

उन्होंने मिशिगन , जहां वह वर्तमान में पढ़ रही है,से द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "अगर मैंने टेबल टेनिस से संन्यास ले लिया है, तो यह केवल और केवल पढ़ाई के प्रति मेरे जुनून के कारण है. वित्तीय समेत असाधारण समर्थन प्राप्त करने के बाद, मैं विश्वास के साथ कह सकती हूं कि यह किसी भी तरह से फाइनेंशियल फैसला नहीं था."

कामथ ने भारत की टीम को पेरिस में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई, जो भारतीय टेबल टेनिस के लिए एक मील का पत्थर था. जर्मनी से कड़ी हार के बावजूद, कामथ एकमात्र उज्ज्वल स्थान थीं, जिन्होंने हाई रैंकिंग वाली ज़ियाओना शान के खिलाफ जीत हासिल की.

कामथ के जाने से भारत में टेबल टेनिस को आगे बढ़ाने की वित्तीय व्यवहार्यता पर सवाल उठे, लेकिन उन्होंने साफ किया कि वित्तीय चिंताओं ने उनके निर्णय में कोई भूमिका नहीं निभाई.

कामथ ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "टेबल टेनिस के साथ मेरे 15 साल शानदार रहे हैं और अपने देश के लिए अपना बेस्ट देने का मौका मिलने से बड़ा कोई सम्मान नहीं है. यह एक अद्भुत खेल है जिसे मुझे लंबे समय तक खेलने का सौभाग्य मिला है और इसके प्रति मेरा प्यार जारी है."

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उन्होंने अपने करियर के दौरान मिले व्यापक समर्थन पर जोर दिया और अपनी यात्रा में सहयोग के लिए ओजीक्यू, टॉप्स और इंडियन ऑयल जैसे संगठनों की सराहना की. उन्होंने कहा, "मुझे उस मोर्चे पर शिकायत करने का न तो अधिकार है और न ही इसकी इच्छा है - ऐसा करना उन एथलीटों के लिए बेहद अनुचित होगा जिन्होंने वास्तव में समर्थन के अभाव में संघर्ष किया है."

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