IAS Success Story: "जब मैं UPSC दे रही थी, तब भी मैंने फिल्में देखीं, अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ीं, बैडमिंटन खेला पर..."
Advertisement
trendingNow12423262

IAS Success Story: "जब मैं UPSC दे रही थी, तब भी मैंने फिल्में देखीं, अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ीं, बैडमिंटन खेला पर..."

Shraddha Gome IAS: श्रद्धा ने लंदन और मुंबई में प्रसिद्ध यूनिलीवर फ्यूचर लीडर्स प्रोग्राम के तहत हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के साथ लीगल मैनेजर के रूप में कुछ समय तक काम किया.

IAS Success Story: "जब मैं UPSC दे रही थी, तब भी मैंने फिल्में देखीं, अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ीं, बैडमिंटन खेला पर..."

IAS Shraddha Gome Success Story: टॉपर्स एक्सीलेंसी के प्रतीक होते हैं क्योंकि वे अपने जीवन के हर फेज और पहलू में सफल होते हैं. ऐसी ही एक प्रेरक सफलता की कहानी है एक आईएएस अधिकारी और कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) की टॉपर और गोल्ड मेडलिस्ट श्रद्धा गोम की.

श्रद्धा मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली हैं. उनके पिता रमेश कुमार गोम एसबीआई के रिटायर अधिकारी हैं और उनकी मां वंदना हाउस वाइफ हैं और यही श्रद्धा की सबसे बड़ी प्रेरणा हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा इंदौर के सेंट राफेल एचएस स्कूल से की. उन्होंने कक्षा 10वीं और 12वीं में टॉप किया. 

इसके बाद, उन्होंने CLAT की परीक्षा दी और टॉपर बनीं. उन्हें भारत के सबसे प्रतिष्ठित लॉ कॉलेजों में से एक, नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) बैंगलोर में दाखिला मिल गया. अपने दीक्षांत समारोह में, श्रद्धा ने तत्कालीन भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा द्वारा प्रदान किए गए 13 गोल्ड मेडल प्राप्त किए. 

बाद में, श्रद्धा ने लंदन और मुंबई में प्रसिद्ध यूनिलीवर फ्यूचर लीडर्स प्रोग्राम के तहत हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के साथ लीगल मैनेजर के रूप में कुछ समय तक काम किया.

श्रद्धा ने अपनी नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी की और अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट लॉ चुना. उन्होंने एक इंटरव्यू में दावा किया कि वह 9-10 घंटे पढ़ाई करती थीं. उन्होंने 2021 में यूपीएसई परीक्षा दी और अपने पहले अटेंप्ट में ही ऑल इंडिया रैंक (AIR) 60 के साथ इसे पास कर लिया.

एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी सफलता की रणनीति साझा की. उन्होंने कहा, "जब मैं यूपीएससी दे रही थी, तब भी मैंने फिल्में देखीं, अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ीं, बैडमिंटन खेला और अपने परिवार के साथ समय बिताया. हां, जब मैं पढ़ने बैठती थी, तो मेरा पूरा ध्यान पढ़ाई पर होता था. तब न तो टीवी, न मोबाइल और न ही कुछ और."

IAS Success Story: कौन हैं DM संजीव रंजन? जिन्होंने लेखपाल को कर दिया ऑन द स्पॉट सस्पेंड

वर्तमान में वह राजस्थान के अजमेर में सहायक कलेक्टर के पद पर तैनात हैं. आईएएस गोमे सोशल मीडिया पर भी मशहूर हैं और इंस्टाग्राम पर उनके 17.8k फॉलोअर्स हैं.

रोजाना 20 घंटे तक काम किया, घर पर लोन लेकर बेटे को पढ़ाया; ऐसी है एसडीएम की कहानी

Trending news