पहले IIT, फिर पहले प्रयास में UPSC क्रैक कर मजह 22 साल की उम्र में बन गई IAS
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पहले IIT, फिर पहले प्रयास में UPSC क्रैक कर मजह 22 साल की उम्र में बन गई IAS

IAS Simi Karan: सिमी कहती हैं कि उन्होंने कभी भी पढ़ाई के घंटों पर ध्यान केंद्रित नहीं किया, बल्कि अपने लक्ष्य को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया और उसके लिए मैंने शॉर्ट टर्म गोल निर्धारित किए.

पहले IIT, फिर पहले प्रयास में UPSC क्रैक कर मजह 22 साल की उम्र में बन गई IAS

IAS Simi Karan UPSC Success Story: यूपीएससी और आईआईटी करियर के लिहाज से एक बहुत ही जबरदस्त कॉम्बिनेशन हैं, और वे निश्चित रूप से सफलता का संकेत और गारंटी भी देते हैं. एक ऐसी ही उम्मीदवार जो इस जबरदस्त कॉम्बिनेशन से लैस है और सफलता का प्रमाण भी है, वह हैं आईएएस अधिकारी सिमी करण, जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की थी.

दरअसल, सिमी ओडिशा से हैं और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा भिलाई, छत्तीसगढ़ में की है. उनके पिता भिलाई स्टील प्लांट में काम करते थे, जबकि उनकी मां एक टीचर थीं.

स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद सिमी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने के लिए आईआईटी बॉम्बे चली गईं. वहां उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को भी पढ़ाया. ऐसा करते समय, सिमी उनकी प्रतिकूल परिस्थितियों को देखकर परेशान हो गयी. इसके बाद, उन्होंने सिविल सेवा में शामिल होकर उनकी और उनके जैसे कई लोगों की मदद करने के बारे में सोचा.

सिमी ने टॉप यूपीएससी उम्मीदवारों के इंटरव्यू देखकर तैयारी शुरू की. उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के सिलेबस को भी छोटे-छोटे भागों में विभाजित किया. इसके बाद सिमी ने ऐसी तैयारी की कि अपने पहले ही प्रयास में साल 2019 में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 31वीं  रैंक हासिल कर आईएएस का पद प्राप्त कर लिया. उन्होंने यह मुकाम महज 22 साल की उम्र में हासिल किया है.

यूपीएससी क्रैक करने में अपनी सफलता का मंत्र बताते हुए सिमी ने कहा "मैंने कभी भी पढ़ाई के घंटों पर ध्यान केंद्रित नहीं किया, बल्कि अपने लक्ष्य को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया और उसके लिए मैंने शॉर्ट टर्म गोल निर्धारित किए. इसलिए, शेड्यूल में उसी के अनुसार उतार-चढ़ाव भी होता रहा, लेकिन औसतन, मैंने रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई की. मैं इस बात पर भी प्रकाश डालना चाहती हूं कि मैंने पढ़ाई की गुणवत्ता, सीमित संसाधनों पर ध्यान केंद्रित किया और अपने दिमाग को आराम देने के लिए जॉगिंग, स्टैंड-अप कॉमेडी देखने जैसे मनोरंजन के लिए समय निकाला." 

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