Late Night Study: एकेडमिक सेशन 2023-24 के लिए बोर्ड परीक्षाओं की शुरूआत हो चुकी है. यह समय बच्चों और पेरेंट्स के लिए दोनों के लिए ही स्ट्रेसफुल होता है. इस समय बच्चों का देर रात पढ़ना नुकसानदेह हो सकता है, जानिए क्यों...
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Late Night Study Side Effects: अक्सर बच्चे अपनी परीक्षाओं के दौरान देर रात तक पढ़ते हैं. पढ़ाई के लिए रात में जागने के विकल्प को पेरेंट्स और टीचर्स भी प्रोत्साहित करते हैं. लेट नाइट स्टडी के दौरान एक्टिव रहने और नींद भगाने के लिए बच्चे कॉफी और चाय पर निर्भर रहने है. इनमें कैफीन होता है जो उनकी हेल्थ पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है. कुछ राज्यों में स्टेट बोर्ड एग्जाम शुरू हो चुके हैं, तो वहीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं भी 22 फरवरी से से शुरू होने वाली हैं. इस समय में सामान्य गलतियों को पहचानना और उनसे बचना जरूरी है, जो फिजिकल-मेंटल हेल्थ और एकेडमिक परफॉर्मेंस दोनों को खतरे में डाल सकती हैं.
अपनी परीक्षाओं के दौरान ज्यादातर स्टूडेंट्स बिना किसी रुकावट के पढ़ाई पर फोकस करने के लिए देर रात तक पढ़ते हैं. अक्सर जागते रहने के लिए कैफीन पर निर्भर रहना फायदेमंद लग सकता है, लेकिन फिर संभावित हेल्थ समस्याओं को नजरअंदाज नहीं भी किया जा सकता .
बच्चों की कोशिशों को सराहें
माता-पिता और टीचर्स वह छात्रों पर हाई स्कोरिंग हासिल करने का दबाव डालते हैं. बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्रों का फोकस अच्छे ग्रेड प्राप्त करने पर होता है, जिससे वे काफी तनाव में रहते हैं. ऐसे समय में दबाव बढ़ाने के बजाय पेरेट्स को अपने बच्चों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझना चाहिए और उनके एफर्ट्स की सराहना करनी चाहिए.
बोर्ड परीक्षा में स्ट्रेस-फ्री रहकर करें तैयारी
छात्रों को यह समझाएं कि बोर्ड परीक्षा ही सफलता का एकमात्र पैमाना नहीं है, बल्कि फिजिकल और मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखना भी जरूरी है. अगर बच्चे परीक्षा की तैयारी को बेहतर बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो उन्हें शांत और स्ट्रेस-फ्री रहकर अपना बेस्ट देने के लिए प्रोत्साहित करें.
देर रात तक पढ़ाई करना फायदेमंद लग सकता है, लेकिन इसके अपने नुकसान भी हैं. स्टूडेंट्स संभावित जोखिमों से बेखबर होकर देर रात तक जागने के लिए कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का सहारा लेते हैं. समय के साथ कैफीन के ज्यादा सेवन से याददाश्त संबंधी समस्याएं, जानकारी बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है, इससे लॉन्ग टर्म हेल्थ इशू पैदा हो सकते हैं.
पढ़ाई और सेल्फ-केयर के बीच हेल्दी बैलेंस जरूरी
बोर्ड परीक्षा की तैयारी के दौरानएकेडमिक सक्सेस और ओवरऑल हेल्थ दोनों को प्राथमिकता देना जरूरी है. पेरेंट्स और टीचर्स को पढ़ाई और सेल्फ-केयर के बीच हेल्दी बैलेंस रखने के महत्व पर जोर देते हुए, बेवजह का दबाव डाले बिना बच्चों का समर्थन करना चाहिए. ज्यादा चाय-कॉफी पीना और देर रात तक पढ़ाई जैसी सामान्य गलतियों से बचकर छात्र स्थायी और सेहतमंद तरीके से सफलता हासिल कर सकते हैं.