Leap Year: हर चौथे साल फरवरी में क्यों बढ़ जाता है एक दिन? क्या है इस एक्स्ट्रा 1 दिन का रहस्य
Advertisement
trendingNow12133222

Leap Year: हर चौथे साल फरवरी में क्यों बढ़ जाता है एक दिन? क्या है इस एक्स्ट्रा 1 दिन का रहस्य

Leap Year 2024: अगर हर चार साल में फरवरी माह में एक एक्‍स्‍ट्रा दिन ना जोड़ा जाए, तो आने वाले 500 सालों में गर्मी का मौसम मई-जून में आने के बजाय नवंबर व दिसंबर के महीने में आएगा.

Leap Year: हर चौथे साल फरवरी में क्यों बढ़ जाता है एक दिन? क्या है इस एक्स्ट्रा 1 दिन का रहस्य

What is Leap Year: इस समय फरवरी का महीना चल रहा है. इस साल यह महीना काफी खास भी है. खासकर उन लोगों के लिए जिनका जन्मदिन 4 साल में एक बार यानी 29 फरवरी को आता है. आमतौर पर फरवरी माह में 28 दिन होते हैं, लेकिन जिस साल लीप ईयर (Leap Year) होता है, उस साल फरवरी माह में 29 दिन होते हैं. यह साल भी लीप ईयर है इसलिए इस साल भी फरवरी का महीना 29 दिनों का है. लेकिन सवाल यह है कि आखिर 29 फरवरी का दिन हर चार साल में एक बार क्यों आता है? अगर हम इस एक एक्स्ट्रा दिन पर विचार न करें तो क्या होगा? अगर आप इसके बारे में नहीं जानते, तो आप हमारे इस लेख के जरिए इस सभी सवालों के जवाब जान सकते हैं.

क्या है लीप ईयर और क्यों है जरूरी?
दरअसल, लीप ईयर एक ऐसा साल होता है, जिसमें 366 दिन होते हैं, जिसमें सामान्य साल (365 दिन) से एक दिन अधिक होता है. हर चौथे साल फरवरी महीने में एक दिन (29 फरवरी) जोड़ा जाता है, ताकि पृथ्वी की सूर्य की परिक्रमा के समय (जिसे खगोलीय वर्ष कहा जाता है) और हमारे कैलेंडर वर्ष के बीच तालमेल बना रहे.

इसलिए हर 4 साल बाद आती है 29 फरवरी
पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में कुल 365 दिन, 5 घंटे और 48 मिनट लगते हैं. 365 दिन को एक साल के तौर पर माना जाता है. हालांकि, अगर हम 365 दिन का साल ही हमेशा मानते रहते, तो धीरे-धीरे मौसम और कैलेंडर की तारीखों के बीच तालमेल बिगड़ने लगता. इसलिए, हर चौथे साल में 29 फरवरी का एक एक्स्ट्रा दिन जोड़कर इस अंतर को समायोजित किया जाता है. इन 5 घंटों और 48 मिनट का अंतर चार साल में लगभग 1 दिन के बराबर हो जाता है. 

अगर इस एक एक्‍स्‍ट्रा दिन पर ना करें विचार...
अब एक सवाल मन में उठता है कि अगर हम इस एक एक्स्ट्रा दिन को ना जोड़ें, तो क्या होगा? बता दें कि अगर फरवरी महीने एक दिन नहीं बढ़ाया गया, तो हम हर साल कैलेंडर से लगभग 6 घंटे आगे निकल जाएंगे. वहीं, आने वाले 100 सालों में हम 24 दिन आगे निकल जाएंगे. इसके चलते मौसम को महीनों के साथ जोड़कर रखना मुश्किल हो जाएगा और अगर ऐसा हुआ, तो गर्मी का मौसम अगले 500 सालों बाद मई-जून में ना आकर दिसंबर में आएगी.

क्या है लीप ईयर की पहचान?
इसके अलावा बता दें कि हर चौथे साल लीप ईयर नहीं होता है. कुछ अपवाद भी हैं. अगर को साळ 400 से डिवाइड होता है, तो वह लीप ईयर होगा. वहीं, अगर साल 400 से डिवाइड नहीं हो रहा है, लेकिन 100 से डिवाइड हो रहा है, तो वह लीप ईयर नहीं होगा.

उदाहरण के लिए:

- 2024 एक लीप ईयर है क्योंकि यह 4 से डिवाइड हो सकता है.
- लेकिन, 2100 एक लीप ईयर नहीं होगा, क्योंकि यह 4 से डिवाइड हो सकता है, लेकिन 100 से भी डिवाइड हो रहा है.
- वहीं, 2400 एक लीप ईयर होगा, क्योंकि यह 400 से डिवाइड हो सकता है.

Trending news