IAS Story: मध्य प्रदेश के ग्वालियर की जिलाधिकारी रुचिका चौहान हैं. हाल ही में वह तब चार्चा में आईं जब एक युवक पीला बोरा लेकर कलेक्ट्रेट ऑफिस में घुस गया. रुचिका 2010 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. चलिए जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी...
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IAS Ruchika Chauhan Success Story: मध्य प्रदेश के ग्वालियर की डीएम रुचिका चौहान अपने कड़े फैसलों और प्रभावी प्रशासन के लिए जानी जाती हैं. हाल ही में उनके ऑफिस में एक युवक "पीला बोरा" लेकर पहुंचा, जिसने हर किसी का ध्यान खींचा. इसके घटना ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं और कलेक्ट्रेट ऑफिस में सुरक्षा इंतजामों को लेकर भी कई सवाल खड़े हुए. वहीं, यह महिला ऑफिसर भी तभी से चर्ता में है. इंदौर से शुरू हुई उनकी सफलता की यात्रा 2010 में आईएएस बनने पर पूरी हुई. रुचिका की कहानी न केवल संघर्ष और समर्पण की मिसाल है, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा भी है.
IAS बनने का सफर
रुचिका चौहान का सफर साधारण से असाधारण तक का है. 20 दिसंबर 1984 को इंदौर में जन्मी रुचिका ने अपनी शुरुआती शिक्षा वहीं से कंप्लीट की है. बीई (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री लेने के बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी शुरू की.
2010 में बनीं IAS
रुचिका ने 2009 में यूपीएससी परीक्षा पास की, लेकिन उन्हें आईपीएस के रूप में चयनित किया गया. उनकी लगन और मेहनत ने 2010 में उन्हें आईएएस बनने का मौका दिया. वह उस साल मध्य प्रदेश से यूपीएससी पास करने वाली एकमात्र उम्मीदवार थीं.
शुरुआती पोस्टिंग
आईएएस बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग सीहोर जिले में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई. इसके बाद उन्होंने सुसनेर में एसडीओ, उज्जैन जिला पंचायत की सीईओ और रतलाम जिले की कलेक्टर के रूप में कार्य किया.
ग्वालियर डीएम के तौर पर नियुक्ति
11 मार्च 2024 को रुचिका चौहान को ग्वालियर का डीएम नियुक्त किया गया. अपने कड़े प्रशासनिक फैसलों के लिए जानी जाने वाली रुचिका ने ग्वालियर में सार्वजनिक स्थानों पर रील और वीडियोग्राफी पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया.
पीला बोरा कांड से बढ़ी चर्चा
हाल ही में एक युवक शिकायत लेकर पीला बोरा लेकर उनके कार्यालय में घुसा. सुरक्षाकर्मियों ने बोरा जांचा तो उसमें शिकायती पत्र भरे मिले. रुचिका ने तत्काल युवक से मुलाकात कर उसकी समस्या सुनी और तुरंत समाधान किया. इस घटना ने उन्हें फिर से सुर्खियों में ला दिया.