MPPSC Success Story: मध्य प्रदेश के गरीब किसान की बेटी प्रियल यादव, जो कभी 11वीं कक्षा में फेल हो गई थी, उन्होंने अब मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में छठी रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल किया है.
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Priyal Yadav MPPSC Success Story: कुछ लोग अपने सपने हासिल करने के लिए हर मुश्किल से लड़ने को तैयार रहते हैं. मुश्किल चाहे कैसी भी क्यों ना हो, वो इनसे विचलित नहीं होते बल्कि इनका डट कर सामना करते हैं और तब तक हार नहीं मानते जब तक अपना सपना पूरा ना कर लें. आज हम आपको एक ऐसी ही उम्मीदवार के बारे में बताएंगे, जिनके पिता एक गरीब किसान हैं और उनके घर की आर्थिक स्थिति भी काफी अच्छी नहीं थी, लेकिन उनकी बेटी ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर सिविल सेवा परीक्षा में छठी रैंक हासिल की और डिप्टी कमिश्नर का पद हासिल कर लिया.
कभी कक्षा 11वीं में हो गई थीं फेल
दरअसल, हम बात कर रहे हैं प्रियल यादव की, जो कभी 11वीं कक्षा में फेल हो गई थी, लेकिन अब मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में छठी रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर बन गई है. प्रियल के पिता एक किसान हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं. प्रियल मध्य प्रदेश के एक ग्रामीण क्षेत्र से आती हैं, जहां लड़कियों की कम उम्र में शादी हो जाती है, लेकिन उनके माता-पिता ने उन पर शादी के लिए कभी कोई दबाव नहीं डाला और उन्हें अपना करियर बनाने की पूरी आजादी दी.
तीन बार क्रैक की सिविल सेवा परीक्षा
साल 2019 में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा में प्रियल को 19वीं रैंक मिली थी और वह डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार के पद पर चयनित हुई थीं. लेकिन प्रियल ने डिप्टी कलैक्टर का पद हासिल करने के लिए दोबारा परीक्षा देने का निर्णय लिया और अगले ही साल 2020 में दोबारा परीक्षा दी, लेकिन इस बार उन्हें 34वीं रैंक हासिल हुई और कॉपरेटिव डिपार्टमेंट में असिस्टेंट कमिश्नर का पद प्राप्त हुआ.
लेकिन अपना सपना पूरा करने के लिए प्रियल इंदौर में डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार के पद पर रहते हुए तीसरी बार एमपीपीएससी परीक्षा 2021 में शामिल हुईं और इस बार उन्होंने छठी रैंक हासिल की. बता दें कि एमपीपीएससी 2021 के नतीजे गुरुवार को घोषित किए गए हैं.
टॉप 10 डिप्टी कलेक्टर में हुई शामिल
प्रियल एमपीपीएससी परीक्षा 2021 में डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित टॉप 10 उम्मीदवारों में से एक हैं. अब वह आईएएस अधिकारी बनने का सपना देख रही हैं और उनका लक्ष्य राज्य में डिप्टी कलेक्टर के रूप में काम करते हुए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना है.