UP के 6 जिलों में 'स्पेशल एजुकेशन जोन' बनेंगे, नर्सरी से लेकर यूनिवर्सिटी तक की एक ही जगह होगी पढ़ाई
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UP के 6 जिलों में 'स्पेशल एजुकेशन जोन' बनेंगे, नर्सरी से लेकर यूनिवर्सिटी तक की एक ही जगह होगी पढ़ाई

Special Education Zone in UP: जिलों में 42 यूनिवर्सिटी व टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना हो सकेगी. इससे स्टूडें.ट्स के लिए उपलब्ध संस्थानों, कोर्स और सीटों की संख्या में बढ़ोतरी होगी.

UP के 6 जिलों में 'स्पेशल एजुकेशन जोन' बनेंगे, नर्सरी से लेकर यूनिवर्सिटी तक की एक ही जगह होगी पढ़ाई

CM Yogi Higher Education UP: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ समेत प्रदेश के छह जिलों में 'स्पेशल एजुकेशन जोन' डेवलप करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसमें लखनऊ, गोरखपुर, अयोध्या, आगरा, गौतम बुद्ध नगर और बुंदेलखंड शामिल हैं. खास बात यह है कि इन स्पेशल एजुकेशन जोन (एसईजेड) में अलग अलग एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना के जरिए जीरो से लेकर यूनिवर्सिटी तक की शिक्षा दी जाएगी. उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश में एसईजेड की स्थापना को लेकर डिटेल्ड एक्शन प्लान तैयार किया गया है.

इसके मुताबिक, लखनऊ के मोहान रोड पर प्रदेश के पहले एसईजेड की स्थापना होगी. यहां 785 एकड़ एरिया में एजुकेशन सिटी का विकास किया जाएगा और अलग अलग एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना होगी. इसमें से 103 एकड़ क्षेत्र में विकास प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी हो चुका है.

यह एसईजेड एक मॉडल की तरह काम करेगा, जिसकी तर्ज पर प्रदेश के अन्य 5 जिलों में भी एसईजेड की स्थापना होगी. इस क्रम में अयोध्या में आचार्य नरेंद्र देव यूनिवर्सिटी, आगरा में आरबीएस कॉलेज तथा गौतम बुद्ध नगर में गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी की अनयूज्ड लैंड पार्सल को उपयोग में लाया जाएगा.

गोरखपुर व बुंदेलखंड में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इन सभी एसईजेड में प्रत्येक में मैक्सिमम 8 और कुल मिलाकर 40 एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना व विकास का मार्ग प्रशस्त होगा.

प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय के अभाव वाले जिले और विशेषतौर पर आकांक्षात्मक जिलों में 42 यूनिवर्सिटी व टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना हो सकेगी. इन्हें नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 (एनईपी) के अनुसार, मल्टी सब्जेक्ट एजुकेशन और रिसर्च यूनिवर्सिटी (एमईआरयू) के तौर पर डेवलप किया जाएगा.

वहीं, प्रदेश में एनआईआरएफ रैंकिंग वाले टॉप-50 तथा फेमल विदेशी यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए स्टाम्प ड्यूटी में छूट, पूंजीगत अनुदान समेत अलग अलग प्रकार की सहूलियतें उपलब्ध कराई जाएंगी. इससे स्टूडेंट्स के लिए उपलब्ध संस्थानों, कोर्स और सीटों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, जिससे प्रदेश में हायर एजुकेशन व रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश को क्वालिटी एजुकेशन के आधुनिक हब के तौर पर डेवलप करने की दिशा में नई उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 को कैबिनेट की स्वीकृति मिल चुकी है. ऐसे में, अब योगी सरकार प्रदेश में 'एक जिला एक यूनिवर्सिटी' के लक्ष्य को पूरा करने पर फोकस कर रही है.

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इनपुट आईएएनएस से

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