पहले बने IRS फिर IPS के लिए हुआ सिलेक्शन, IAS बनने तक नहीं मानी हार, जानें कितने पढ़े-लिखे है IAS राजीव कुमार
Advertisement
trendingNow12388362

पहले बने IRS फिर IPS के लिए हुआ सिलेक्शन, IAS बनने तक नहीं मानी हार, जानें कितने पढ़े-लिखे है IAS राजीव कुमार

IAS Story: देश के मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त के पद पर काम करना कोई आसान बात नहीं, लेकिन हर काबिल आईएएस ऑफिसर की ख्वाहिश होती है इस तरह के जैसे देश के सबसे जिम्मेदारी भरे पदों को संभाले. आइए जानते हैं वर्तमान में इस पद पर आसीन IAS Rajiv Kumar के बारे में...

पहले बने IRS फिर IPS के लिए हुआ सिलेक्शन, IAS बनने तक नहीं मानी हार, जानें कितने पढ़े-लिखे है IAS राजीव कुमार

CEC IAS Rajiv Kumar: वर्तमान में आईएएस राजीव कुमार (IAS Rajiv Kumar) मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त (Chief Election Commissioner) के पद को संभाल रहे हैं. आईएएस राजीव कुमार देश के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त हैं. वह देश के उन सभी युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं, जो यूपीएससी की तैयारी में जुटे हैं या आईएएस ऑफिसर चुने गए हैं और देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. हालांकि, राजीव के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं था. आइए जानते हैं कि राजीव ने कहां से पढ़ाई की और कैसा रही उनकी जर्नी...

कहां से की है पढ़ाई? 
राजीव कुमार बिहार झारखंड कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. राजीव कुमार का जन्‍म 19 फरवरी 1960 को हुआ. उन्होंने बहुत पढ़ाई-लिखाई की है, जिसके बाद वह यहां तक पहुंचे. जानकारी के मुताबिक मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने साल 1974 में हसनपुर के सुखदेवी इंटर कॉलेज से हाईस्‍कूल की पढ़ाईपूरी की. साल 1976 में इंटरमीडिएट के बाद उन्‍होंने दिल्‍ली के सेंट स्‍टीफेंस कॉलेज से बीएससी की डिग्री ली. आईएएस राजीव कुमार के पास कई डिग्रियां हैं. उन्हें पढ़ने में कितनी ज्यादा दिलचस्पी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्‍होंने 1979 से 1982 तक दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया. इसके बाद पीजीडीए और फिर पब्लिक पॉलिसी में मास्‍टर्स भी किया है. इसके अलावा राजीव ने टीईआरआई स्‍कूल ऑफ एडवांस्‍ड स्‍टडीज से भी पढ़ाई की है.

ये भी पढ़ें- बिहार की इस लेडी सिंघम ने 22 साल में क्रैक किया  UPSC और 28 की उम्र में दे दिया इस्तीफा, मिलिए IPS काम्या मिश्रा से 

IRS के लिए भी हुए थे चयनित
साल 1982 में राजीव कुमार ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में हिस्सा लिया, जिसके बाद वह आईआरएस के लिए चयनित हो गए. इसके बाद 1983 में दूसरी बार भी यूपीएससी पास की और आईपीएस के लिए चुने गए. हालांकि, उनका सपना केवल आईएएस बनने का था, जिसके कारण उन्होंने दोनों बार नौकरी जॉइन नहीं की. अपने तीसरे अटैम्प्ट में यूपीएससी अच्छे स्कोर से पास की और वह 1984 में वह आईएएस अधिकारी बन गए, जिसके बाद राजीव कुमार को बिहार झारखंड कैडर अलॉट हुआ.

हर जिम्मेदारी भरा पद बखूबी संभाला
राजीव कुमार की सबसे पहली पोस्टिंग देवघर में एसडीएम के रूप में हुई. इसके बाद वह तीन साल तक रांची के डीएम रहे. लगभग 40 साल की प्रशासनिक सेवा में वह कई अलग-अलग पदों पर कार्यरत रहे. साल 2001 से 2007 तक जनजातीय मामलों के मंत्रालय में निदेशक और संयुक्त सचिव भी रहे. साल 2005 में अनुसूचित जनजातियों (वन अधिकारों का पुनर्गठन) विधेयक का मसौदा तैयार किया. इसके अलावा उन्‍होंने बतौर निदेशक आरबीआई, एसबीआई और नाबार्ड के केंद्रीय बोर्ड पर भी काम किया. 

इसके अलावा आर्थिक खुफिया परिषद (EIC), वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC), बैंक बोर्ड ब्यूरो (BBB) और वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति (FSRASC) के मेंबर भी रहे. सितंबर 2017 से फरवरी 2020 तक वित्त सचिव की जिम्मेदारी संभाली. फरवरी 2020 में रिटायमेंट के बाद अप्रैल से सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड के अध्यक्ष रहे. सितंबर 2020 में उन्हें इलेक्शन कमीश्नर नियुक्त किया गया.

ये भी पढ़ें- धाकड़ लेडी सिंघम, 15 महीने में 16 एनकाउंटर...पर्सनालिटी ऐसी कि बॉलीवुड हसीनाएं भी फेल, नाम से ही क्रिमिनल खाते हैं खौफ
 

Trending news