Success Story: कई यूपीएससी एस्पिरेंट्स ऐसे होते हैं जो एक ही अटैम्प्ट में सफल हो जाते हैं, तो ज्यादातर लोगों को इस परीक्षा में सफलता अपने आखिरी अटैम्प्ट में मिलती है. आज पढ़िए एक एक ऐसी ही सफलता की कहानी, जो धैर्य रखन सिखाती है.
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IAS Ramya Success Story: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE) के लिए लाखों युवा तैयारी करते हैं. इसमें सफलता पाने का सपना सभी एस्पिरेंट् देखते हैं और इसके लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन सभी को कामयाबी मिल जाए ये नाममुकिन है. वहीं, कुछ तो एक ही प्रयास में मिल सफल हो जाते हैं और किसी को कई अटैम्प्ट में कामयाबी हाथ लगती है. ऐसा ही सफलता की कहानी है आईएएस राम्या की. उनका यूपीएससी का सफर आसान नहीं था. अपनी मंजिल तक पहुंचने में राम्या को लंबा समय लगा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
लाइफ में आए कई उतार-चढ़ाव
कोयंबटूर की रहने वालीं राम्या (IAS Ramya) ने सिविल सर्विस एग्जाम 2021 में रैंक 46 के साथ यूपीएससी में सफलता हासिल की थी. राम्या का बचपन परेशानियों से भरा पड़ा है और उन्हें सिविल सर्विस एग्जाम पास करने तक बहुत स्ट्रगल करना पड़ा. राम्या के परिवार के आर्थिक हालात अच्छे नहां थे. राम्या की माता ने बेहद मुश्किल परिस्थितियों में उन्हें पाला.
ऐसे में परिवार को आर्थिक तौर पर सपोर्ट करने के लिए राम्या ने जल्द से जल्द अपने पैरों पर खड़े होकर नौकरी करने की ठानी. इसी वजह से उन्होंने हाईस्कूल के बाद पॉलिटेक्निक डिप्लोमा किया. इस दौरान जब उन्होंने नौकरी के अच्छे अवसरों के बारे में जानने की कोशिश की तब उन्हें समझ आया कि हायर एजुकेशन ही उनकी लाइफ में अच्छा बदलाव ला सकता है.
UPSC के लिए छोड़ दी नौकरी
बकौल आईएएस राम्या डिप्लोमा के दौरान ही उनके प्रोफेसर ने कहा था कि जॉब पा लेना आसान है, लेकिन उसके बाद आगे की पढ़ाई पर फोकस करना बहुत मुश्किल है. प्रोफेसर की बातों ने राम्या के बेहद प्रभावित किया. इसके बाद डिप्लोमा के बेहतर मार्क्स के दम पर उन्होंने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला ले लिया. पढ़ाई कम्प्लीट होने के बाद उन्हें जॉब मिली और प्रमोशन भी मिला. इसके बाद उन्होंने इग्नू से एमबीए की डिग्री हासिल की. हालांकि, बढ़िया नौकरी करने के बाद भी राम्या के मन को सुकुन नहीं मिला. साल 2017 में उन्होंने जॉब से इस्तीफा देने और यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला लिया.
लगातार 5 बार हाथ लगी असफलता
राम्या का यूपीएससी का सफर आसान नहीं रहा है. लगातार पांच प्रयासों में उनका प्रीलिम्स क्लियर नहीं हुआ. आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्हें यूपीएससी की तैयारी के साथ-साथ डाटा एंट्री की जॉब भी करनी पड़ी. इतनी असफलताओं के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और कमियों को दूर करके फिर तैयारी में जुट गईं. आखिरकार उन्होंने अपने लास्ट अटैम्प्ट में हर मुश्किलों को पार करके यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की और आईएएस ऑफिसर बन गईं.