क्या जस्टिस शेखर यादव पर होगी कार्रवाई? हेट स्पीच मामले में SC कॉलेजियम ने कर लिया तलब
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क्या जस्टिस शेखर यादव पर होगी कार्रवाई? हेट स्पीच मामले में SC कॉलेजियम ने कर लिया तलब

Hate Speech: सवाल है कि क्या जस्टिस शेखर यादव पर कार्रवाई होगी. संविधान के अनुच्छेद 124(4) के अनुसार, महाभियोग के लिए दोनों सदनों में कुल सदस्यों के बहुमत और उपस्थित सदस्यों के दो-तिहाई मतों की आवश्यकता होती है.

क्या जस्टिस शेखर यादव पर होगी कार्रवाई? हेट स्पीच मामले में SC कॉलेजियम ने कर लिया तलब

Justice Shekhar Yadav: हेट स्पीच के आरोपों का सामना कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव को सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने अगली हफ्ते बैठक के लिए तलब किया है. यह बैठक 17 दिसंबर को हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना कर रहे हैं. असल में 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यादव के विश्व हिंदू परिषद की कानूनी शाखा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दिए गए भाषण पर संज्ञान लिया था और हाईकोर्ट से इसकी जानकारी मांगी थी.

महाभियोग प्रस्ताव लाने का नोटिस

उधर 13 दिसंबर को राज्यसभा में विपक्ष के 55 सांसदों ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है. यह बवाल तब मचा जब VHP के कार्यक्रम में जस्टिस यादव ने समान नागरिक संहिता को हिंदू बनाम मुस्लिम विषय बताया और कहा कि हिंदू समाज ने अपनी परंपराओं की कमियों को सुधार लिया है, लेकिन मुस्लिम समाज ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने बहुविवाह और बिना पत्नी की सहमति के दूसरी शादी जैसे मुद्दों पर सवाल उठाए.

उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू धर्म में सहिष्णुता के बीज हैं, जो इस्लाम में नहीं. बचपन से ही हमारे बच्चों को ईश्वर, वेद और अहिंसा की शिक्षा दी जाती है, जबकि दूसरे समुदायों में बच्चों के सामने पशुओं का वध किया जाता है.

बयान पर मच गया था बवाल.. 
इसके बाद जस्टिस यादव के बयानों पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी. सीपीएम नेता बृंदा करात ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा कि ऐसे पूर्वाग्रह से ग्रस्त जज से किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय को निष्पक्ष न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती.

महाभियोग की प्रक्रिया
इन सबके बीच अगर उपराष्ट्रपति विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, तो सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज और एक विधि विशेषज्ञ की तीन सदस्यीय समिति शिकायत की जांच करेगी. अब सवाल है कि क्या जस्टिस शेखर यादव पर कार्रवाई होगी. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक संविधान के अनुच्छेद 124 (4) के अनुसार, महाभियोग के लिए दोनों सदनों में कुल सदस्यों के बहुमत और उपस्थित सदस्यों के दो-तिहाई मतों की आवश्यकता होती है. लेकिन एनडीए के बहुमत को देखते हुए यह प्रस्ताव संसद में पास होना मुश्किल है.

SC कोलेजियम का रुख महत्वपूर्ण
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का कोलेजियम जस्टिस यादव से चर्चा करेगा. बैठक के बाद इस पर क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा. बता दें कि जस्टिस यादव अप्रैल 2026 में रिटायर होने वाले हैं.

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