Gandhi Jayanti Speech: गांधी जयंती पर ऐसे दें स्पीच, चारो तरफ होगी तालियों की गड़गड़ाहट
Advertisement
trendingNow11375234

Gandhi Jayanti Speech: गांधी जयंती पर ऐसे दें स्पीच, चारो तरफ होगी तालियों की गड़गड़ाहट

Speech on Gandhi Jayanti: गांधी जयंती के दिन बापू को स्मरण करने के लिए देश भर में प्रोग्राम होते हैं. उनके अनुशासित व संयमित जीवन पर प्रकाश डाला जाता है और उनके संघर्ष व विचारों के बारे में बताया जाता है.

Gandhi Jayanti Speech: गांधी जयंती पर ऐसे दें स्पीच, चारो तरफ होगी तालियों की गड़गड़ाहट

Gandhi Jayanti 2022: 2 अक्टूबर को गांधी जयंती है. अगर आप भी गांधी जयंती पर अपने स्कूल कॉलेज आदि में स्पीच देना चाहते हैं तो फिर तैयारी कर लीजिए. इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना है जोकि आपके लिए बहुत जरूरी होंगी. गांधी जयंती पूरे देश में मनाई जाती है.  पूरा देश राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाता है. इस दिन पूरे देश में छुट्टी होती है. गांधी जयंती हमें बापू के आदर्शों की याद दिलाती है. गांधी जी की विचारों से केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लाखों लोग प्रभावित हैं और उनसे प्रेरणा लेते रहे हैं.

गांधी जयंती के दिन बापू को स्मरण करने के लिए देश भर में प्रोग्राम होते हैं. उनके अनुशासित व संयमित जीवन पर प्रकाश डाला जाता है और उनके संघर्ष व विचारों के बारे में बताया जाता है. हर तरफ उनके प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजाराम’ की आवाजें सुनाई देती है. गांधी जयंती के अवसर पर स्कूल व कॉलेज में स्पीच, निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित किये जाती हैं. गांधी जयंती के लिए अगर आप कोई स्पीच, भाषण व निबंध तैयार करना चाहतें है तो हम आपके लिए एक उदाहरण लेकर आए हैं.

आज गांधी जयंती के अवसर पर हम सब यहां एकत्रित हुए हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. लोग उन्हें प्यार से बापू कहते थे. गांधी जी देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने के अपने अहिंसक तरीकों के लिए जाने जाते हैं. गांधी जयंती को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है. हमारा देश उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है. 

गांधी जी चाहते थे समाज में किसी के साथ धर्म व जाति के आधार पर भेदभाव न हो. सबके साथ समान व्यवहार हो. महिलाओं का सम्मान हो. सबको न्याय मिले. गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई. उन्होंने हरिजन उत्थान के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दिया. गांधी जी ने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओं के प्रेम करना सिखाया. नतीजतन स्वदेशी उद्योग धंधों का बढ़ावा मिला.

गांधी जी के लिए परोपकार से बढ़कर कोई सेवा नहीं थी और मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं था. आजीवन अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने वाले बापू ने संपूर्ण मानव जाति को न सिर्फ मानवता का पाठ पढ़ाया बल्कि जिंदगी जीने का सही तरीका भी सिखाया.

ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Trending news