IAS Medha Rupam: दिल्ली से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट किया. यहां यूनिवर्सिटी लेवल पर शूटिंग चैंपियनशिप में शामिल होती रहीं. 2009 में नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा बनीं लेकिन बाद में सिविल सर्विस के लिए शूटिंग छोड़ दी.
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IAS Medha Roopam Biography: जब मन में ठान लिया जाए कि ये काम करन है तो फिर उसमें आने वाली अड़चने दूर करने के रास्ते भी खुद ही निकलने लगते हैं. आज हम बात कर रहे हैं एक शूटिंग चैंपियन से आईएएस अफसर बनने वाली मेधा रूपम की. जिन्होंने आईएएस बनने के लिए अपने शूटिंग के इंट्रेस्ट को भी साइड कर दिया था.
आईएएस मेधा रूपम का जन्म यूपी के आगरा हुआ था. पिता ज्ञानेश गुप्ता भी एक आईएएस अफसर हैं. पिता की पोस्टिंग केरल में थी तो मेधा की शुरुआती पढ़ाई भी वहीं से हुई. 2008 में उन्होंने 12वीं पास किया. इसी दौरान उनका लगाव शूटिंग से हुआ. आईएएस मेधा रूपम ने 10 मीटर की एयर रायफल पीपी साइट में ट्रेनिंग ली और केरल की स्टेट शूटिंग चैपिंयनशिप हिस्सा लेकर वो कर दिखाया, जो कभी नहीं हुआ. उन्होंने तीन गोल्ड मेडल अपने नाम करते हुए केरल स्टेट का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया.
दिल्ली से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट किया. यहां यूनिवर्सिटी लेवल पर शूटिंग चैंपियनशिप में शामिल होती रहीं. 2009 में नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा बनीं लेकिन बाद में सिविल सर्विस के लिए शूटिंग छोड़ दी. साल 2014 में उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा पास की और टॉपर बनीं. उन्होंने आईएएस रैंक मिली. उसके बाद उनकी मसूरी में ट्रेनिंग हुई. 4 जून 2015 को ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग यूपी के मेरठ में बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हुई. यहीं रहते हुए उन्होंने बागपत के जौहड़ी में शूटिंग चैंपियनशिप का गोल्ड अपने नाम किया.
मेरठ के बाद उनकी पोस्टिंग बतौर जॉइंट मजिस्ट्रेट उन्नाव में हुई. इसके बाद लखनऊ में यूपी एएएम के जॉइंट डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया. 17 नवंबर 2018 में उन्हें UPAAM की जिम्मेदारी के साथ ही महिला कल्याण विभाग का विशेष सचिव बनाया गया. 12 फरवरी 2019 को बाराबंकी के मुख्य विकास अधिकारी के पद पर तैनाती मिली. वर्तमान में वे यहीं पोस्टेड हैं. वह अपनी कार्यशैली को लेकर काफी चर्चाओं में रहती हैं.
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