IAS Success Story: इन्‍हें मिला था दोस्‍त से धोखा उसके बाद बदल गई जिंदगी, अखबार बांट बन बैठे IAS ऑफिसर!
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IAS Success Story: इन्‍हें मिला था दोस्‍त से धोखा उसके बाद बदल गई जिंदगी, अखबार बांट बन बैठे IAS ऑफिसर!

IAS Inspirational Story: निरीश राजपूत (IAS Nirish Rajput) की कहानी ऐसी है, जो आपको जरूर प्रेरणा देगी. आर्थिक रूप से सशक्‍त नहीं होने की वजह से उन्‍हें कई परेशानियां झेलनी पड़ी. ऐसे ही एक दोस्‍त ने भी उन्‍हें धोखा दिया, लेकिन यहां से उनकी जिंदगी ही बदल गई.   

 IAS Success Story: इन्‍हें मिला था दोस्‍त से धोखा उसके बाद बदल गई जिंदगी, अखबार बांट बन बैठे IAS ऑफिसर!

IAS Nirish Rajput journey: अगर आपको UPSC में सक्‍सेस (IAS Success Story) होना है तो आपके इरादे जरूर पक्‍के होना चाहिए क्‍योंकि यहां स्‍मार्ट तरीके से मेहनत करने वाले ही सफल हो पाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही IAS की कहानी बता रहे हैं. जिन्‍होंने दोस्‍तो से धोखा भी खाया, लेकिन फिर भी उन्‍होंने सिविल सेवा परीक्षा के पास करने के लिए कड़ी मेहनत की. उन्‍हें ये सफलता यूं ही नहीं हासिल हो गई, इसके पीछे उन्‍होंने कई संघर्ष किए. उन्‍होंने ये भी साबित कर दिया कि गरीबी आपकी सफलता में बाधक नहीं बनती है. आइए जानते हैं उन्‍होंने कैसे UPSC परीक्षा के लिए तैयारी की.            

फीस जमा करने के लिए किया ये काम 

आज हम आपको मध्य प्रदेश के भिंड जिले के एक गरीब नौजवान की कहानी के बारे में बता रहे हैं, जिनके पिता दर्जी का काम करते थे. वे इतने गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे कि उन्‍हें फीस जमा करने में भी दिक्‍कत आती थी. वे अखबार बांटकर अपनी फीस का इंतजाम करते थे. वे पढ़ाई में इतने माहिर थे कि उन्होंने B.Sc और M.Sc, दोनों में टॉप करा था. ऐसे कठिन हालात में उन्‍होंने यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी करने के बारे में न सिर्फ सोचा बल्कि उसमें सफल होकर ऑफिसर बन गए. 

दोस्त निकला धोखेबाज! 

निरीश राजपूत (IAS Nirish Rajput) के घर के आर्थिक हालात अच्‍छे नहीं थे, वे वहां तो मुश्किलों का सामना कर ही रहे थे. इसके अलावा उनके खास दोस्‍त ने और ज्‍यादा टेंशन दे दी. दरअसल, उनके दोस्‍त ने UPSC परीक्षा के लिए कोचिंग इंस्टिट्यूट खोला था. जहां सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले बच्‍चों को वे पढ़ाते थे, लेकिन कुछ सालों बाद जब संस्थान अच्छी से चलने लगा तो उनके दोस्त ने उन्‍हें वहां से निकाल दिया.

फिर दूसरे दोस्त ने किया सपोर्ट 

इस धोखे के बाद वे दिल्ली चले गए और उन्होंने यहां UPSC परीक्षा की तैयारी कर एक दोस्त से मदद मांगी. दरअसल, उनके पास कोचिंग ज्‍वॉइन करने के लिए पैसे नहीं थे. इसलिए उन्‍होंने दोस्‍त से नोट्स उधार लिए और मेहनत कर 370वीं रैंक हासिल की. 

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