UP Police Bharti: यूपी पुलिस संविदा भर्ती का पत्र वायरल, पुलिस ने दी सफाई, अखिलेश ने घेरा
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UP Police Bharti: यूपी पुलिस संविदा भर्ती का पत्र वायरल, पुलिस ने दी सफाई, अखिलेश ने घेरा

UP Police Recruitment 2024: लेटर वायरल होने के बाद यूपी पुलिस की तरफ से इसपर सफाई जारी की गई. इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले पर सरकार पर निशाना साधा है

UP Police Bharti: यूपी पुलिस संविदा भर्ती का पत्र वायरल, पुलिस ने दी सफाई, अखिलेश ने घेरा

UP Police Recruitment 2024: यूपी पुलिस में भर्ती का एक लेटर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इस लेटर मे यूपी पुलिस में अलग अलग पदों पर  आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती की बात कही गई थी. आउटसोर्सिंग से भर्तियों पर सीनियर पुलिस अफसरों की राय मांगी गई. सहायक उप निरीक्षक(लिपिक), सहायक उप निरीक्षक(लेखा), सहायक उप निरीक्षक(गोपनीय) के पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती पर 17 जून तक राय मांगी गई. 

लेटर वायरल होने के बाद यूपी पुलिस की तरफ से इसपर सफाई जारी की गई. पुलिस मुख्यालय ने साफ किया गया कि पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग पर रखे जाने की व्यवस्था है. इसे लेकर पत्र जारी किया जाना था, लेकिन त्रुटिवश लिपिक संवर्ग की संविदा पर भर्ती के विचार संबंधी पत्र जारी हो गया.

इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले पर सरकार पर निशाना साधा है और इस प्रक्रिया पर सवाल भी खड़े किए हैं. 

अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है, उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने 'पुलिस व्यवस्था' के प्रति लापरवाही भरा नजरिया अपना रखा है, जिसकी वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. एक के बाद एक कार्यवाहक डीजीपी के बाद अब कुछ 'पुलिस सेवाओं की आउटसोर्सिंग' पर विचार किया जा रहा है. ठेके पर पुलिस होगी तो, न ही उसकी कोई जवाबदेही होगी, न ही गोपनीय और संवेदनशील सूचनाओं को बाहर जाने से रोका जा सकेगा. भाजपा सरकार जवाब दे कि जब पुलिस का अपना भर्ती बोर्ड है तो बाक़ायदा सीधी स्थायी नियुक्ति से सरकार भाग क्यों रही है?

पुलिस सेवा में भर्ती के इच्छुक युवाओं की ये आशंका है कि इसके पीछे आउटसोर्सिंग का माध्यम बनने वाली कंपनियों से 'काम के बदले पैसा' लेने की योजना हो सकती है क्योंकि सरकारी विभाग से तो इस तरह पिछले दरवाजे से 'पैसा वसूली' संभव नहीं है. अपने आरोप के आधार के रूप में वो कोरोना वैक्सीन बनानेवाली प्राइवेट कंपनी का उदाहरण दे रहे हैं, जिसे भाजपा ने नियम विरूद्ध जाते हुए, वैक्सीन बनाने वाली एक सरकारी कंपनी के होते हुए भी, वैक्सीन बनाने का ठेका दिया और उससे चंदा वसूली की. 

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पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक से आक्रोशित युवाओं में इस तरह की 'पुलिस सेवा की आउटसोर्सिंग' की ख़बर से और भी उबाल आ गया है. आउटसोर्सिंग का ये विचार तत्काल त्यागा जाए और उत्तर प्रदेश के युवाओं को नियमित, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सीधी नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से नौकरी दी जाए. भाजपा कहीं किसी दिन 'सरकार' ही आउटसोर्स न कर दे.

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