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IAS Story: इंजीनियर बनने निकलीं थीं और UPSC एग्जाम में टॉप कर बन गईं आईएएस, ऐसी है महिला अफसर की स्टोरी

UPSC परीक्षा को पास करना कोई बच्चों का खेल नहीं है क्योंकि यह देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के लिए बहुत मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है. आज हम एक ऐसी ही महिला अफसर की बात करने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के बाद यूपीएससी एग्जाम क्रेक किया और AIR 3 हासिल की.

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जब यूपीएससी का रिजल्ट आया तो गामिनी सिंगला का नाम तीसरे नंबर पर था. मतलब गामिनी सिंगला की तीसरी रैंक आई थी. वह IAS/IPS या अन्य सेवाओं में भर्ती के लिए चयनित हुई हैं. उन्‍होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC), चंडीगढ़ से पढ़ाई की है. 

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कम्‍प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग की स्‍टूडेंट गामिनी ने यूपीएससी टॉपर्स लिस्‍ट में अपना नाम बनाकर ट्राइसिटी (पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़) को भी गौरवान्वित किया. गामिनी सिंगला के पिता डॉक्टर आलोक सिंगला और मां डॉक्टर नीरज सिंगला हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में काम करते हैं.

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गामिनी ने कहा कि महिलाएं कड़ी मेनहत और समर्पण के दम पर कोई भी मुकाम हासिल करने में सक्षम हैं. यूपीएससी एग्जाम क्लीयर करने के बाद उन्होंने कहा था कि, मैं वाकई बहुत खुश हूं. यह सपने के पूरे होने जैसा है. मैंने आईएएस का ऑप्शन चुना और देश की तरक्की और लोगों की भलाई के लिए काम करना चाहती हूं.

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गामिनी ने दूसरे प्रयास में यह कामयाबी हासिल की. गामिनी ने बताया कि उन्होंने अधिकतर सेल्फ स्टडी पर फोकस किया. उन्होंने कहा, 'मैं 9-10 घंटे पढ़ाई करती थी. परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने अधिकतर सेल्फ स्टडी पर फोकस किया और कामयाबी हासिल की. मेरे पिता ने एग्जाम की तैयारी काफी मदद की.

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उन्होंने कहा, "मेरे परिवार, विशेष रूप से मेरे पिता ने मुझे भावनात्मक रूप से और पढ़ाई में भी बहुत मदद की है," उन्होंने कहा कि उनके पिता उनके लिए अखबार पढ़ते थे ताकि वह अपना समय बचा सकें. कॉलेज में गामिनी क्लास रिप्रेजेंटेटिव थीं और उन्हें कैंपस प्लेसमेंट के दौरान नौकरी का प्रस्ताव मिला था, लेकिन वह शामिल नहीं हुई क्योंकि वह सिविल सेवा करना चाहती थी.

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