SDM Success Story: ‘म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के’ ऐसी ही है रितु के एसडीएम बनने की कहानी
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SDM Success Story: ‘म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के’ ऐसी ही है रितु के एसडीएम बनने की कहानी

SDM Ritu Rani Success Story: रितु यूपीपीसीएस 2019 में 34वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर बन गईं. रितु वेस्ट यूपी के मुजफ्फरनगर की रहने वाली हैं. रितु रानी के पिता एक किसान थे.

SDM Success Story: ‘म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के’ ऐसी ही है रितु के एसडीएम बनने की कहानी

UP Deputy Collector Ritu Rani: हर मां बाप जब अपने बच्चों की पढ़ाई की बात करते हैं तो बस यही सोचकर करते हैं कि यह बड़े होकर अच्छा काम करे. घर का बच्चा जब अफसर बनता है तो खुशी सभी को होती है और जब बच्चे की मेहनत के साथ साथ उसमें मां बाप की भी मेहनत लगती है तो यह खुशी और ज्यादा हो जाती है. आमिर खान की फिल्म दंगल का एक डॉयलॉग बहुत मशहूर हुआ था ‘म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के’. यह महिलाओं को सशक्त बनाने और लोगों की सोच में एक कदम आगे बढ़ाने को प्रोत्साहन करता है. इसी फिल्म जैसी कुछ कहानी आज हम आपको एक बेटी और पिता के संघर्ष की बताने जा रहे हैं. यह कहानी कुश्ती की नहीं बल्कि बेटी को पढ़ाने के लिए गांव और समाज से किए गए संघर्ष की है. जिसके पिता ने अपनी बेटी के सपनों को साकार करने के लिए न सिर्फ गांव से शहर पढ़ाई के लिए भेजा बल्कि शहर में सालों तक उसे सपनों को पूरा करने का मौका दिया.

गांव से शहर साल 2014 में एक पिता ने अपनी बेटी को पढ़ाई के लिए भेजा, तो समाज से ताने सुनने को मिले, कि लगता है जैसे उनकी बेटी कलेक्टर ही बन जाएगी. लोगों को और ताने मारने का मौका तब और मिल गया जब पहली बार में रितु का सेलेक्शन नहीं हुआ, लेकिन, यूपीपीसीएस 2019 के आए रिजल्ट में उस बेटी ने डिप्टी कलेक्टर बनकर अपने पिता का सपना पूरा कर दिखाया है. 

अब उसी समाज के लोग उस बेटी की तारीफ करते हैं. तारीफ आखिर करें भी क्यों न क्योंकि वह बेटी अपने पूरे क्षेत्र में इतनी बड़ी कामयाबी पाने वाली पहली बेटी बन गई.

अफसोस की बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए समाज के ताने सुनने वाले पिता इस दुनिया में नहीं रहे. वह अपनी बेटी को डिप्टी कलेक्टर बनता हुआ नहीं देख पाए. वह बेटी अपने पिता को याद करते हुए अपने इस संघर्ष को पिता के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि मानती हैं. वह कहती हैं कि मेरे पिता और भाई मेरे लिए भगवान है, अगर मुझ पर भरोसा करके मुझे पढ़ने के लिए नहीं भेजा होता, तो शायद मैं आज अपने सपने को साकार नहीं कर पाती. 

रितु की पढ़ाई में उनके भाईयों ने भी साथ दिया, जब पिता की मृत्यु हो गई, तो उसके बाद उनके भाईयों ने अपनी बहन का सपना पूरा करने के लिए तैयारी का मौका दिया. रितु यूपीपीसीएस 2019 में 34वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर बन गईं. रितु वेस्ट यूपी के मुजफ्फरनगर की रहने वाली हैं. 

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