Success Story: 16 की उम्र में छोड़ा घर, हवलदार के 22 साल के अफसर बेटे को सेना में सम्मान 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर'
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Success Story: 16 की उम्र में छोड़ा घर, हवलदार के 22 साल के अफसर बेटे को सेना में सम्मान 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर'

IMA Sword of Honor: बारहवीं कक्षा पास करने के तुरंत बाद पवन कुमार ने अपने पहले अटेंप्ट में नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की परीक्षा पास की.

Success Story: 16 की उम्र में छोड़ा घर, हवलदार के 22 साल के अफसर बेटे को सेना में सम्मान 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर'

'Sword of Honor': जब पढ़ने की उम्र होती है और पढ़ाई का जज्बा होता है तो फिर बच्चे वो सब करने को तैयार रहते हैं जिसे वो कर सकते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स की कहानी बता रहे हैं जिसने पढ़ाई के लिए 16 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था. पापा पुलिस में हवलदार हैं. पवन कुमार सेना में जाना चाहते थे. 

पवन के पिता झारखंड पुलिस में हैं. पवन अच्छी पढ़ाई कर सकें इसलिए वह घर से दूर आ गए थे क्योंकि जिस जगह वह रहते थे वहां पढ़ाई होना मुश्किल था. पवन ने अपनी मेहनत और लगन से एनडीए एग्जाम को फर्स्ट अटेंप्ट में ही क्लियर कर लिया. 

बारहवीं कक्षा पास करने के तुरंत बाद पवन कुमार ने अपने पहले अटेंप्ट में नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की परीक्षा पास की और 2019 में अकादमी में शामिल हो गए, इसके बाद 2021 में IMA में एक साल की ट्रेनिंग ली. 

पढ़ाई के साथ साथ पवन कुमार की कविता में भी गहरी दिलचस्पी है. उनकी कविताएं नियमित रूप से एनडीए और आईएमए पत्रिकाओं में छपी हैं. उन्होंने कहा, "यह एक सैनिक का जीवन है जो मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित करता है... मेरी सभी कविताएं इसके इर्द-गिर्द घूमती हैं. मैंने अब तक उनमें से 25 को लिखा है."

पवन कुमार अपने घर से सेना में पहले अफसर होंगे. पवन के परदादा बलूच रेजिमेंट का हिस्सा थे. जो अब पाकिस्तान में है. पवन वन-पैराशूट रेजिमेंट में शामिल होना चाहते हैं. देहरादून में पासिंग आउट परेड में सेना ने उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी का बेस्ट कैडेट करार देते हुए प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से नवाजा है.

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